मिर्जापुर
बारिश के अभाव में सूखे के कगार पर खड़े मीरजापुर जिले के नाउम्मीद हो चुके किसानों के बीच”उम्मीदों पर दुनिया कायम है”को चरितार्थ करती सूखे खेतों में पानी छिड़क कर धान की रोपाई करती इस महिला किसान की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।बता दें कि विकास खण्ड- जमालपुर,मीरजापुर के ग्राम पंचायत-ओड़ी मे एक महिला किसान द्वारा जल जीवन मिशन की पाइप से लीक होकर गड्ढे में एकत्रित पानी को अपने बारह वर्षीय पोते द्वारा बाल्टी से खेतों में छिड़कवा कर धान की रोपाई इस उम्मीद से किया जा रहा है कि भविष्य में यदि बारिश होगा तो धान पैदा हो ही जाएगा।कुछ इसी तरह से पिछले तीन-चार वर्षों से इस जिले के किसान शुरूआती मौसम में बरसात कम होने के स्थिति में भी भविष्य में अच्छी बरसात होने की उम्मीद पर दिन-रात एक कर अधिकतम लागत के साथ धान की खेती कर रहे हैं,जिसमें से कुछ किसानों का तो लागत राशि भी निकल नहीं पाता है।इस वर्ष भी जिले के किसान कुछ इसी तरह से गड्ढों,तालाबों,नालों,नालियों में हल्की फुल्की बारिश से एकत्रित पानीbn को अपने खेतों में पहुंचाकर किसी तरह से पाटा चला कर धान की रोपाई करने में लगे हुए है कि यदि भविष्य में बरसात हो गया तो धान का उत्पादन हो जाएगा। आज हालात यह है कि जरगों,अहरौरा,डोंगियां बांध की बदौलत धान का कटोरा कहे जाने वाले इस क्षेत्र के किसानों के हाथ में कटोरा आ गया है।शासन द्वारा सिंचाई के लिए बनें बांधों का पानी पेयजल के नाम पर रोके जाने के कारण ही इधर तीन-चार वर्षों से जिले का किसान सूखे की मार झेल रहा है,जबकि जिले में ही गंगा जी का अपार जलराशि बहकर कहीं अन्यत्र चला जा रहा है।जिले में सूखे की गंभीर समस्या को देखते हुए अन्न दाता मंच के संयोजक चौधरी रमेश सिंह सहित सुरेंद्र सिंह,बसंत सिंह,विनोद सिंह,दुधनाथ गुप्ता,प्रभात सिंह,अंबुज सिंह,बनारसी सिंह,बाबा गुरु,उमेश द्विवेदी,कृष्ण गोपाल सिंह,संजय सिंह,मारकंडे सिंह,राजु सिंह,शीतल सिंह,शुभम सिंह आदि किसानों द्वारा जिले को सुखाग्रस्त घोषित कर भविष्य में उपरोक्त बांधों को गंगा नदी से भरें जाने के लिए सफल योजना बनाये जाने की मांग की गई।