
जब सुनील दत्त कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे. उस दौरान उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी. ऐसे में सितारों की नगरी मुंबई में अपना पेट पालने के लिए सुनील दत्त इधर-उधर नौकरी की तलाश में भटकने लगे. कड़ी मशक्त के बाद सुनील दत्त को मुंबई बेस्ट की बसों में बतौर कंडक्टर नौकरी मिल गई थी. जिससे सुनील रोज मर्रा का खर्चा चलने लगा था.
रेडियो जॉकी से स्टार्ट किया था करियर
बस कंडक्टर की नौकरी करते-करते सुनील दत्त के जहन में एक सवाल हमेशा रहता था कि मुझे कुछ बड़ा करना है. कॉलेज के बाद सुनील दत्त ने अपने करियर की शुरुआत बतौर एक्टर नहीं बल्कि रेडियो जॉकी के माध्यम से की थी. सुनील दत्त उस वक्त रेडियो सेयलॉन में हिंदी के सबसे फेमस अनाउंसर के पद पर तैनात थे. हालांकि उनके अंदर हमेशा से एक्टर बनने का सपना पनप रहा था.