
महज 15 साल में शादी, 18 साल की उम्र में बनीं मां और बेटी की शादी के बाद दामाद से….
बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री जिन्होंने न केवल हिंदी फिल्मों में अपनी पहचान बनाई है। बल्कि वह बंगाली सिनेमा में भी काफी चर्चित रही हैं। मौसमी चटर्जी का असली नाम इंदिरा चटर्जी है। महज 15 साल की उम्र में ही प्रोड्यूसर जयंत मुखर्जी से उनकी जब शादी हुई थी। तब वह 10वीं क्लास में ही पढ़ रही थी। जब वह 18 साल की हुई तब वह मां बन गई थी। उनकी दो बेटियां मेघा और पायल थीं। कुछ सालों पहले मौसमी की बेटी पायल का बेहद कम उम्र में निधन हो गया था।
वैसे तो बॉलीवुड में अफेयर की अफवाह खूब उड़ती है तो मौसमी का नाम भी संजीव कुमार और विनोद मेहरा ,फारूक शेख और जितेंद्र के जैसे अभिनेताओं के साथ जोड़ा गया था। लेकिन यह सिर्फ अफवाह मात्र ही था।
मौसमी चटर्जी की बेटी पायल डिकी सिन्हा का कुछ समय पहले निधन हो गया था। पायल लंबे वक्त से बीमार चल रही थीं। उन्हें जुवेनाइल डायबिटीज थी। कुछ समय पहले मौसमी के दामाद डिकी सिन्हा ने एक इंटरव्यू में कहा कि उनके और उनके ससुरालवालों के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। डिकी ने कहा- ‘मुझे उन लोगों से कोई ईश्यू नहीं है। पायल मेरे साथ ही रह रही थी। अपने आखिरी वक्त में भी वो मेरे साथ ही थी।’ ‘और हां, पायल जब बीमार थी तबम मौसमी 5 बार केवल 5 मिनट के लिए हॉस्पिटल आईं थी। मेरे पास सबूतों की रिकॉर्डिंग है। मैंने कभी भी पायल को देखने से मना नहीं किया था।
बता दें, पायल अप्रैल 2018 में कोमा में थीं। उनके पति डिकी सिन्हा उन्हें अस्पताल से घर ले आए थे। मगर मौसमी चटर्जी और उनके पति जयंत मुखर्जी ने दामाद पर उनकी बेटी की सही देखभाल ना करने के गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि डिकी ने पायल की फिजियोथेरेपी ट्रीटमेंट बंद करवा दी है। बेटी की बिगड़ती तबीयत के बाद मौसमी और उनके पति ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
पायल के पेरेंट्स की याचिका में लिखा था- “28 अप्रैल 2018 में पायल को अस्पताल से घर लाया गया। डिकी ने ना फिजियोथेरेपी कराई ना ही पायल की डाइट में बदलाव किया। स्टाफ की पेमेंट बंद कर दी। नसें चली गई हैं। पायल की मेडिकल रिपोर्ट दिखाने से दामाद ने मना कर दिया है। डिकी हमें पायल से मिलने भी नहीं देता।”
जबकि डिकी ने कहा था कि- ‘उन लोगों ने पायल की बीमारी को ईगो इश्यू बना लिया था। जिस तरह मैं पायल की देखरेख कर रहा था कुछ सेलेब्स ने मेरी तारीफ की, जिसके बाद मौसमी ने लड़ाई शुरू की और इसे पब्लिक किया।