
दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र आम जनता के गले नहीं उतरता,
चुनाव आयोग टीएन सेशन की राह पर क्यों ? नहीं , और कहीं तो ईमानदारी नहीं दिखती है लेकिन चुनाव में ईमानदारी दिखनी चाहिए, 100% क्योंकि यही लोकतंत्र का तकाज़ा, चुनाव आयोग को एक सर्वे करना चाहिए जो लोग बाहर रहते हैं उनके वोट कैसे पड़ जाते हैं, यह तो लोकतंत्र का मजाक है , दूसरा खेल एक देश में शुरू हुआ राजनीतिक दलों को जो मतदाता सूची दी जाती है और जो पीठासीन अधिकारी को दी जाती है दोनों लिस्ट में काफी अंतर होता है , जो पीठासीन अधिकारी के पास मतदाता सूची होती है उससे वोट पड़ता है ,कितना बड़ा खेल है जिनके नाम है वह वोट डाल नहीं पाते क्योंकि जो लिस्ट पीठासीन अधिकारी के पास होती है उसमें उनके नाम नहीं होते और जो रहते नहीं है उनके वोट पड़ जाते हैं ,