
लोक समाज पार्टी ने एमपी के जिला दांतिया में पहली चौपाल लगा कर किसानो की समस्याएं सुनी।
लोक समाज पार्टी ने मध्य प्रदेश के जिला दांतिया के मां पीतांबरा के क्षेत्र में गांव विलहेटा में किसानो की चौपाल लगा लगाया। जहां पर सरकारी स्कूल की दुर्दशा को सुनकर वहीं प्राचीन समय की याद दिलाती ही जिसमे कुछ ही लोगों को पढ़ने दिया जाता था जबकि बहुत बड़ी आबादी को पढ़ने ही नही दिया जाता था।
पहली बात मध्य प्रदेश में गांव काफी दूर दूर पर है। करीब 7 से 8 किलोमिटर तक गांव नही हैं। एसे में प्राइमरी स्कूलों में गावो के बच्चो के पढ़ना एक टेढ़ी खीर के समान है। विल्हेटी गांव के बच्चो ने बताया कि स्कूल में जाने का प्राइवेट बस का साधन है। लेकिन कंडक्टर पैसेंजर को न होने पर बस को नही रोकते है जिससे वे बच्चे घर वापस आ जाते है।
किसी किसी के पेरेंट्स अपने अपने बच्चो को साइकिल से छोड़ का आते हैं।
अफसोस की बात हैं कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के समय से बड़े बड़े राजगरानो के लोग ही मुख्य मंत्री बनते चलें आ रहे थे जिसमे अर्जुन सिंह और दिग्विजय जैसे लोग मुख्य मंत्री रहे जो रजवाड़े परिवार से आते हैं उनकी मानसिकता तो समझ में आ सकती है कि वे गरीबों के खिलाफ शासन चलाना स्वाभाविक हैं। लेकिन अफसोस तब होती हैं जब मध्य प्रदेश का मुख्य मंत्री पिछलो 13 सालों से एक किराड़ यानी पिछड़ी जाति का मुख्य मंत्री बनने के बावजूद वह आम जन के खिलाफ काम किया। शिक्षा जैसी अधिकार को पंगु बना दिया। जब लोगो के बच्चे स्कूल में पहुंचने ही नही पाएंगे तब वे क्या पढ़ाई करेंगे?
असल में चौहान सरकार अपने संघ के इशारे पर काम कर रही है जिनका मुख्य लक्ष्य हैं कि आम आदमी के बच्चों को शिक्षा से वंचित करो अगर ये लोग पढ़ लिख लेंगे तो वे अपने अधिकारों के प्रति सजग जो जायेंगे और अपने हक के लिए संघर्ध करेंगे। इसलिए बीजेपी देश में धर्म कर्म पर ज्यादा तवज्जो दे रही है न कि वैज्ञानिक सोच से देश को आगे बढ़ाना है।
लोक समाज पार्टी का विजन है कि देश के हर गांव में स्कूल नहीं खोलेगी। 3 से 5 गांव में एक ही स्कूल की व्यवस्था की जायेगी। जिसमे कमसे कम 5 टीचर और एक हेड मास्टर नियुक्त किए जायेंगे। जिन गांव में स्कूल नहीं होगा वहां के बच्चो को सरकार खुद सरकारी गाडी में लाएगी और उनको पढ़वा कर उन्ही के गांव में पहुचवा देगा।
निजी स्कूलों को एक कम्पनी के तहत नही चलने दिया जायेगा। स्कूल अस्पताल सेवा भाव के लिए होते है इनको व्यापार में तब्दील नहीं होने दिया जाएगा। पूरे देश में एक शिक्षा नीति लागू की जायेगी। गांव के सरकारी स्कूल के बच्चे की वही पढ़ाई होगी जो एमपी,एमएलए ओर नौकरशाहों के बच्चे पढ़ेंगे।