
शोक श्रद्धांजलि
सारंगी वादक पंडित हरीबाबू कौशिक के बाद आकाशवाणी मथुरा-वृन्दावन का एक और उज्वल नक्षत्र संगीत गगन से झर गया. ब्रज भूमि के प्रसिद्व और ग्रडेड आर्टिस्ट पखावज वादक पं. तोताराम शर्मा जी अब हमारे मध्य नहीं रहे. उनके निधन के समाचार से मन !
व्यथित हो गया , हृदय महा शोक से भर गया.
श्रीयुत तोताराम शर्मा !
स्वभाव से निर्मल एवं निष्कपट मन वाले सच्चे ब्रजबासी स्वजन थे. ब्रजभाषा के भक्त कवियों की माला के उज्वल कविरत्न थे वे.जो ‘शुक’ उपनाम से कविताएं लिखा करते थे. वे सीधेसादे इंसानों में से एक इंसान थे.
देव वाद्य पखावज वादन में प्रवीण पं. तोताराम शर्मा ‘शुक’ कवि ने सदा-सर्वदा आकाशवाणी/दूरदर्शन की गरिमा को बढ़ाया.
श्रीयुत तोताराम शर्मा ‘शुक’ जी साहित्य, संगीत और कला के सच्चे साधक , संरक्षक और गुणीजनों के सच्चे सेवक थे. त्यागी ,तपस्वी और दृढ़ संकल्पवान! व्यक्तित्व के धनी आदरणीय भाई तोताराम शर्मा जी ने आकाशवाणी की अच्छीखासी नौकरी को (सेवानिवृत्ति से बहुत पहले ही) पल भर में छोड दिया था.जबकि किसी से भी उनका कोई मनो मालिन्य नहीं था. सभी उन्हें उचित मान-सम्मान देते थे. उनका स्वास्थ्य भी ख़राब नहीं था. बस उनकी आकांक्षा थी कि नौकरी छोड़ कर नाती पोतों के बीच चौबीसे घंटे श्रीधाम वृन्दावन धाम का ही वास किया जाय. ये उन जैसे त्यागी पुरुष के ही वश की बात थी . वे सरल,सहज एवं मिलनसार स्वभाव के अति सज्जन विशुद्ध ब्रजबासी थे. छल-कपट, ईर्ष्या-द्वेष से कोसों दूर थे.
भरे मन से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए मैं ‘ उन्हें विनत भाव से (अश्रुपूरित नयनों के साथ) श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये स्वयं को आहत और दुखी महसूस कर रहा हूँ. विश्व प्रभु श्रीनाथजी उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें.
ओम शांति.