चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र सहित पूर्वांचल में ढोंगी ‘बाबाओं’ का साम्राज्य, धर्म के नाम पर पाखंड और अवैध गतिविधियां चरम पर।

वाराणसी, उत्तर प्रदेश:
पूर्वांचल के कई जिलों, विशेषकर चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और सोनभद्र में तथाकथित ‘ढोंगी बाबाओं’ का एक विशाल साम्राज्य फल-फूल रहा है। धर्म और आध्यात्मिकता की आड़ में ये लोग पाखंड, अंधविश्वास और अवैध गतिविधियों का एक संगठित नेटवर्क चला रहे हैं, जिससे भोली-भाली जनता को ठगा जा रहा है और भारतीय संस्कृति व सभ्यता पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के सांस्कृतिक फोरम की टीम ने हाल ही में इन जनपदों का गहन निरीक्षण प्रारंभ किया है, जिसका उद्देश्य धर्म के नाम पर पाखंडवाद का खेल खेलने वालों को चिन्हित करना है। टीम की प्रारंभिक रिपोर्ट मिलने के बाद, भारतीय मीडिया फाउंडेशन के एके बिंदुसार ने इस स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
बिंदुसार ने कहा, “ऐसी खबरें आ रही हैं कि ये लोग भूत-प्रेत भगाने के नाम पर लोगों को ठगने का खेल खेल रहे हैं। आखिर इन्हें इस ठगी के कार्य के लिए लाइसेंस किसने दिया है? किस अखाड़े से ये लोग संबंध रखते हैं जो इस तरह के घिनौने खेल खेल रहे हैं? भारतीय संस्कृति, सभ्यता और धर्म को नष्ट करने का यह खेल अब नहीं चलेगा।”
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन ‘बाबाओं’ द्वारा धर्म के नाम पर अनेक प्रकार के पाखंड और धोखाधड़ी की जा रही है:
भूत-प्रेत भगाने का नाटक: लोगों को यह विश्वास दिलाया जाता है कि वे भूत-प्रेत से पीड़ित हैं और फिर उन्हें भगाने के नाम पर महंगे अनुष्ठान और ‘उपचार’ किए जाते हैं।
बलिदान और ताबीज का धंधा: अंधविश्वासी लोगों से ‘बलिदान’ के नाम पर पैसे वसूले जाते हैं और ‘चमत्कारी’ ताबीज बेचे जाते हैं, जिनसे किसी भी समस्या का समाधान होने का दावा किया जाता है।
संतान प्राप्ति के नाम पर धोखाधड़ी: सबसे चौंकाने वाले दावों में से एक संतान प्राप्ति से जुड़ा है। कई ‘बाबाओं’ के दरबार में यह सुनने को मिला है कि वे दो लड़कियों वाले दंपतियों को लड़का पैदा करने का दावा करते हैं, और बच्चा पैदा करने के अन्य तरह-तरह के पाखंड और अनुष्ठान कराते हैं। इस तरह के दावे पूरी तरह से अवैज्ञानिक और भ्रामक हैं।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने इन ‘बाबाओं’ की कई प्रकार की वीडियो रिकॉर्डिंग और अन्य प्रमाण भी एकत्रित किए हैं, जिन्हें वक्त आने पर जनमानस के पटल पर रखा जाएगा। संगठन अब इन ‘बाबाओं’ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए विधि पूर्वक प्रमाणों के साथ सरकार को पत्र लिखने की तैयारी कर रहा है।
एके बिंदुसार ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि जिन जिलों में इस तरह के ‘बाबाओं’ का जाल बिछा हुआ है, वहां का जिला प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। उन्होंने कहा, “अब देखना यह है कि कार्रवाई कब होती है।”
यह स्थिति न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि यह समाज में अंधविश्वास और अवैज्ञानिक सोच को भी बढ़ावा देती है। यह आवश्यक है कि स्थानीय प्रशासन और सरकार इस मामले में गंभीरता से संज्ञान ले और इन ढोंगी ‘बाबाओं’ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे, ताकि पूर्वांचल की भोली-भाली जनता को इन पाखंडियों के चंगुल से बचाया जा सके और धर्म के नाम पर होने वाले इस गोरखधंधे पर रोक लगाई जा सके।