
पटना (बिहार) में CM नीतीश के द्वारा ईद मुबारक की ऐसी मिसाल पेश हुई.. कि एकतरफ से पूरे देश में ही सारे लोगों ने “U-टर्न” ले लिया?
“U-टर्न” का नमूना दृश्यों में खुद ही देख लें!
हरियाणा सरकार ने ईद पर छुट्टी की घोषणा करी!
महाराष्ट्र के CM देवेन्द्र फडणवीस ने कहा औरंगजेब का मकबरा किसी को पसंद हो या मत ही हो (?), मकबरा सुरक्षित & संरक्षित रहेगा!
RSS के भैया जी जोशी ने कहा औरंगजेब की कब्र का मुद्दा ही अनावश्यक है! कब्र बना रहेगा एवं जो कोई देखना चाहे वहाँ जाकर देख सकेगा!
ये है बिहार की महत्ता!
बिहार की ताकत की महत्ता!
कब्रिस्तान में नमाज़ पढ़ने की नसीहत देने वालो ने खुली आँखों से देखा होगा…”गाँधी मैदान पटना में नमाज़” का नज़ारा! हेंकड़ी निकल गई होगी!
यू.पी के मुरादाबाद में तो बाजाप्ता बड़े-बड़े पोस्टर बनाकर नमाज़ के बाद सड़कों पर घंटों मार्च ही निकाल दिया!!!
पोस्टर में लिखे थे:
1.होलिका दहन & होली सड़कों पर क्यों मनाते हो?
2.रामनवमी के जुलूस सड़कों पर क्यों निकालते हो?
3.शिवरात्रि सड़कों पर क्यों मनाते हो.
4.कांवड़ यात्रा सड़कों पर क्यों करते हो?
5.दिवाली में पटाखे सड़कों पर क्यों फोड़ते हो?
6.गणेश चतुर्थी में गणपति बप्पा सड़कों पर क्यों बिठाते हो?7.दही-हांडी सड़कों पर क्यों मनाते हो?
8.कुंभ में सड़कें क्यों बाधित करते हो?
आदि-आदि किस्म-किस्म की नसीहतें….!
इतना ही नहीं, यू.पी.सहारनपुर में तो नमाज़ के बाद घंटा घर चौक पर घंटों रुककर, अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाते ही रह गए!
वारिस पठान सहित हज़ारों लोगों ने तो खुलेआम ईद की नमाज़ सार्वजनिक सड़कों पर ही पढ़े!
अब बताओ?
तुम्हारे उस फरमानों का क्या हुआ?
अपने घरों की छत पर भी नमाज़ नहीं पढ़ने के प्रवचन देने वालों के उलट सड़कों पर अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाते हुए ईद की नमाज़ें अदा करी ही करी!!
भारत के नागरिकों को ये “एक बराबर हक” स्वतंत्र भारत में, डंके की चोट पर बाबा साहेब अंबेडकर के “संविधान” ने दिया है!
तब चिल्लाकर भी संविधान के विरुद्ध, किसी भी धर्म-जाति के नागरिकों को कोई लंपटगिरी कर भी, क्या ही उखाड़ लेगा?