सिंदरी में रविदास जयंती के शुभ अवसर पर सिंदरी शहरपुरा में आयोजित किया गया कार्यक्रम



सिंदरी, धनबाद।
रविदास जयंती के शुभ अवसर पर सिंदरी शहरपुरा मार्केट में आयोजित किया गया कार्यक्रम
युवा अंबेडकर विचार मंच एवं रविदास कमेंटी के अध्यक्ष बुधन राम एवं सचिव राजेश पासवान उपाध्यक्ष रबिंद्र प्रसाद तुरी और ए के आर्य एवं मंच संचालन सुरेश प्रसाद द्वारा किया गया सिंदरी में रविदास जयंती के मौके पर एक शानदार आयोजन किया गया , जिसमें स्थानीय समुदाय के सदस्य, धार्मिक और सांस्कृतिक लोग एक साथ जुटे थे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य संत रविदास की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार करना और समाज में उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाना था। आयोजन में पूजा, हवन और प्रसाद वितरण जैसे धार्मिक कृत्य किए गए, जिससे माहौल पूरी तरह से भक्तिमय और श्रद्धा से भरा हुआ था।
आयोजन की शुरुआत धार्मिक अनुष्ठान से हुई, जिसमें पूजा और हवन का आयोजन किया गया। हवन से वातावरण शुद्ध हुआ और संत रविदास की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। यह समय लोगों के लिए आत्मिक शांति प्राप्त करने का अवसर था, जिसमें सभी ने मिलकर इस पावन दिन को श्रद्धापूर्वक मनाया।
पूजा और हवन के बाद प्रसाद वितरण किया गया। यह एक सामाजिक गतिविधि थी, जिसमें लोगों को प्रसाद के रूप में धार्मिक आशीर्वाद प्राप्त हुआ। प्रसाद वितरण के दौरान एकता और भाईचारे का संदेश दिया गया।
इस आयोजन में कई प्रमुख व्यक्तियों ने हिस्सा लिया, जिनका योगदान इस आयोजन को सफल बनाने में अहम रहा। इन व्यक्तियों ने न केवल आयोजन में भाग लिया, बल्कि समाज में संत रविदास के विचारों को फैलाने का कार्य भी किया।
संत रविदास की शिक्षाएँ समाज के लिए आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने हमेशा समानता, एकता, और प्रेम का संदेश दिया। उनके अनुसार, समाज में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए और सभी लोगों को एक समान अधिकार मिलने चाहिए। उनका यह संदेश आज भी हर समाज और समुदाय में एकता और सौहार्द की भावना को बढ़ावा देता है।
इस आयोजन के दौरान, लोगों ने रविदास जी के विचारों को मान्यता दी और यह सिद्ध किया कि उनकी शिक्षाएँ आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई हैं। इस प्रकार के धार्मिक आयोजन समाज को एकजुट करने, मानवता का संदेश फैलाने और सामाजिक सुधार की दिशा में कार्य करने का एक माध्यम होते हैं। उपस्थित सभी सामाजिक सदस्य
रविदास जयंती एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो विशेष रूप से भारत के विभिन्न हिस्सों में बड़े श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह दिन संत रविदास के योगदान और उनके उपदेशों को याद करने का होता है, जिन्होंने समाज में समानता, भाईचारे और सम्मान की बात की। संत रविदास ने सामाजिक भेदभाव को खत्म करने की कोशिश की और हर इंसान को समान अधिकार देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनके विचारों और शिक्षाओं ने भारतीय समाज को एक नई दिशा दी
उपस्थित साथी गण शैलेंद्र द्विवेदी, हेमंत जसवाल, अजय कुमार सिन्हा, भोला पासवान, शिवपूजन राम , बलबीर जैदिया, दिनेश सिंह, नरसिंह राम , मदन प्रसाद, दिनेश सिंह, राजेश पासवान, नरसिंह राम , जितेंद्र शर्मा, राजेश पासवान ,अजय कुमार दास, मुस्ताक हुसैन, गणेश प्रसाद , गौतम प्रसाद ,सुमन कुमार, कामेश्वर सिंह, बबली सरदार, कृष्ण अग्रवाल, गुरुग्राम, आकाश कुमार ,संतोष प्रसाद, अविनाश राम, राजन कुमार, चंचल, सुरेंद्र कुमार, नकुल वर्मा एवं सर्व समाज के साथी गण उपस्थित थे।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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