बरेली में सिपाही धर्मेंद्र की कुचलकर हत्या में ट्रक चालक को हुआ आजीवन कारावास


बरेली :: सिपाही हत्याकांड, कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, ट्रक चालक को आजीवन कारावास
बरेली में 2018 में सिपाही धर्मेंद्र कुमार की हत्या के मामले में अदालत ने ट्रक चालक रोहित कुमार को दोषी ठहराया। आईपीसी की धारा 304(1) के तहत उसे आजीवन कारावास और ₹50,000 का जुर्माना लगाया गया। जज रवि कुमार दिवाकर की सख्त टिप्पणी अगर ट्रक चालकों को राजाओं की तरह सड़क पर मनमानी करने दी गई, तो आम नागरिकों का सुरक्षित चलना मुश्किल हो जाएगा। इस अपराधी को कम सजा दी जाती, तो पुलिस विभाग के निचले स्तर के कर्मचारियों में गलत संदेश जाता। 9 मार्च 2018 की रात 10:45 बजे चौपुला ओवरब्रिज पर ट्रक ने पीछे से टक्कर मारने से सिपाही ट्रक के पहियों में फंस गए और चालक ने वाहन नहीं रोका।ट्रक उन्हें 40-50 कदम तक घसीटता रहा, जिससे मौके पर ही सिपाही की मौत हो गई। पुलिस विभाग के कर्मचारियों की 24 घंटे की सेवा के बावजूद उन्हें सरकारी सुविधाएं बेहद कम मिलती हैं। जज ने कहा कि पुलिसकर्मियों को त्योहारों पर भी छुट्टी नहीं मिलती, वे जनता की सुरक्षा में लगे रहते हैं। एक कविता के जरिए पुलिस की पीड़ा को उजागर किया जज ने कहा, “बिना पुलिस के रहकर देखो, तो समाज में कानून-व्यवस्था की असली अहमियत समझ आएगी।”
जनता की पुलिस के प्रति नकारात्मक धारणा
जज ने एक रोचक किस्सा सुनाया, जिसमें एक व्यक्ति ने पुलिस की मदद को भी चोरी समझ लिया। यह दर्शाता है कि लोग पुलिस की ईमानदारी को भी संदेह की नजर से देखते हैं।
जज के कहा कि ट्रक चालक अक्सर नशे में गाड़ी चलाते हैं, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। कोर्ट ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 106(2) के तहत सख्त सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए। सरकारी वकील दिगंबर सिंह ने बताया अधिकतम सजा देने का कारण अगर ट्रक चालकों को निर्दोष लोगों को कुचलने की छूट मिल गई, तो सड़क पर चलना मुश्किल हो जाएगा। मृतक अपने पिता की इकलौती संतान था, और उसकी मौत से पूरा परिवार उजड़ गया।
बरेली पुलिस को हाईवे पर सख्ती के निर्देश में अवैध रूप से खड़े ट्रकों पर कार्रवाई करें। शहर में नो-एंट्री के दौरान घुसने वाले ट्रकों को रोका जाए।
नशे में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। पुलिसकर्मियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।लापरवाह ट्रक चालकों के लिए यह फैसला चेतावनी की तरह काम करेगा।

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पं.सत्यम शर्मा

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