लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को सविधान में शामिल करे सरकार – चक्रवर्ती

देश की राजधानी दिल्ली में पत्रकारों ने भरी हुंकार

प्रेसक्लब पर मनाया राष्ट्रीय प्रेस दिवस एवं जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन व सभा के साथ प्रधानमंत्री के नाम सौपा ज्ञापन


दिल्ली। राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के तत्वाधान एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष पवित्रा मोहन सावंतराय के आवाहन पर देश की राजधानी दिल्ली में दो दिवसीय पत्रकार कार्यक्रम पूरे जोश खरोश और उत्साह के साथ सम्पन्न हुये, आयोजित कार्यक्रमों की श्रंखला में पहले दिन दिल्ली के अति वीवीआईपी इलाके के संसद भवन के करीब कॉंसीटीट्यूशन क्लब एवं ऑल इंडिया प्रेस क्लब में राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया गया कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञान देवी माँ सरस्वती का ध्यान करते हुये मंचासीन अथितियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस मौके पर आयोजक मंडल ने सभी उपस्थित क्रांतिकारी वीर पत्रकारों को पटका, शील्ड एवं प्रशस्ती पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया और पत्रकारिता से जुड़े तमाम मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान कर अग्रिम कार्यक्रम की रणनीति तैयार की, इसी के तहत अगले दिन वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा अखबारों पर लगाये गये मनमाने मापदंड व पत्रकारों पर होते अत्याचार और सरकार की अनदेखी के विरोध में जंतर मंतर पर एक सभा व विरोध प्रदर्शन किया गया । इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित क्रांतिकारी पत्रकार वीरों ने मंच के माध्यम से अपने विचार व्यक्त कर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुये पत्रकारों के हित में सहयोगात्मक कदम उठाने की माँग की । कार्यक्रम को सम्बोधित करते पत्रकारों ने कहा कि संविधान में लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को शामिल कर अन्य तीन स्तम्भों की भांति समानता के आधार पर समान सुबिधा प्रदान करें ताकि पत्रकारिता के जोखिमों पर विराम और असुबिधाओं से निजात मिल सके । सम्बोधन की श्रंखला में विचार व्यक्त करते हुये हरियाणा से मनोज गोयल, जगदीश यादव, चंडीगढ़ से सुरेंद्र वर्मा, हिमाचल प्रदेश से शांति गौतम, अरुण गोयल, संजय राय ने पत्रकारहित में तमाम बिंदुओं पर अपने अपने विचार व्यक्त कर लघु एवं मझौले अखबारों पर सरकार द्वारा डाले गये नियमों के अतरिक्त भार से लघु एवं मझोले अखबार स्वामियों को मुक्ति देने पर अपनी आबाज बुलंद की गयी। सम्बोधन की कड़ी में विहार से सत्यनरायण चतुर्वेदी एवं उत्तर प्रदेश से बबलू चक्रवर्ती ने एक सुर में सरकार से माँग करते हुये कहा कि सरकार मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ घोषित कर संविधान में सामिल करें, ताकि पत्रकारों को पत्रकारिता करते समय किसी अड़चन का सामना न करना पड़े और अखबारों व परिवारों के संचालन में भी कोई असुविधा न हो सकें। इस मौके पर दिनेश त्रिपाठी, मोनिका, आकांक्षा, मीनाक्षी जलोटा, धीरज कुमार, शबनम, सुनील मिश्रा, पाण्डेय, पवन कुमार भूत, शुशील शर्मा, देव कुमार, सूरज त्रिपाठी आदि कलमकारों ने पत्रकारों की मांगों से सम्बंधित एक माँग पत्र देश की महामहि राष्ट्रपति एव प्रधानमंत्री के नाम आंदोलन स्थल पर पहुचे अधिकारी को सौपा । अंत में आंदोलन के नेतृत्वकर्ता पवित्र मोहन सामंतराय द्वारा सभी क्रांतिकारी पत्रकारों का दोनों कार्यक्रमों में उपस्थित होने पर उनका आभार जताया और धन्यबाद ज्ञापित कर विरोध प्रदर्शन एवं सभा का समापन किया । इस मौके पर करीब 22 राज्यों के पत्रकारों ने प्रतिनिधि के रूप में दोनों कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी निभाई ।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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