महिला उत्पीड़न निवारण हेतु मूल्य शिक्षा एवं जन चेतना आवश्यक -प्रो0भावना वर्मा
वाराणसी

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ शिक्षाशास्त्र विभाग में दिनांक 25 नवंबर 2023 को महिलाओं के विरुद्ध हिंसा उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर परिचर्चा आयोजित की गई ।परिचर्चा का विषय भारतीय संविधान एवं महिलाओं के विरुद्ध हो रहे हिंसा के प्रति जागरूकता एवं बचाव था। मुख्य वक्ता समाज कार्य विभाग महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की आचार्य प्रोफेसर भावना वर्मा ने अपने व्याख्यान में व्यापक संदर्भ में महिलाओं के प्रति हो रही हिंसा एवं भेदभाव के सामाजिक मनोवैज्ञानिक कारणो जैसे महिलाओं के प्रति नकारात्मक सोच उन्हें अवसरों से वंचित रखना उनके प्रति भेदभाव करना उनकी वेशभूषा पर प्रश्न खड़ा करना उन्हें निर्णय न लेने के लिए बाध्य करना इत्यादि महत्वपूर्ण बिंदुओं पर व्यापक आंकड़ों को प्रस्तुत करते हुए प्रकाश डाला। इसके साथ उन्होंने जन जागरूकता लाने एवं वर्तमान में सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को भी रेखांकित किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय विधि संकाय के आचार्य प्रोफेसर धर्मेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि सिर्फ कानून से ही नारी के प्रति गलत दृष्टिकोण को बदला नहीं जा सकता इसके लिए हम सबको अपने शाश्वत मूल्य नैतिकता धर्म और शिक्षा के स्तर को बढ़ाना पड़ेगा तभी एक स्वस्थ समता मूलक एवं सभ्य समाज की स्थापना हो सकती है और महिला हिंसा जैसे नकारात्मक कार्यों को न्यूनतम किया जा सकता है। उन्होंने 21वीं शदी को जेंडर जस्टिस का काल बताते हुए कहा कि महिला एवं पुरुष दोनों की ही जिम्मेदारी समाज को आगे बढ़ाने एवं जनमानस में अच्छा संदेश प्रसारित करने की होती है। उन्होंने यह भी बताया कि समाज में नैतिकता का स्तर जब भी न्यूनतम होगा समाज का स्वरूप असंतुलित हो जाएगा। उन्होंने शिक्षक एवं शिक्षा को पथ प्रदर्शक के रूप में रेखांकित किया और सकारात्मक रहते हुए महिला हिंसा को कम करने का सुझाव दिया। शिक्षाशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सुरेंद्र राम जी ने अपने उदबोधन में बताया कि जो आचरण या व्यवहार अपने लिए अनुचित हैं वह दूसरों के लिए भी अनुचित ही होगा। अतः हम सबको अच्छा बर्ताव करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन विभाग के सहायक आचार्य डॉक्टर ध्यानेंद्र कुमार मिश्र ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर राजेंद्र यादव ने किया ।इस अवसर पर विभाग के समस्त शिक्षक डाo दिनेश कुमार डाo रमेश प्रजापति डाoराखी देब डा वीणा वादिनी डाo अभिलाषा डाo ज्योत्सना सहित शोध छात्र एम ई डी एवं बी ई डी के छात्रा-ध्यापकों ने सक्रिय रूप से प्रतिभाग किया।