
क्या स्वामी प्रसाद मौर्य के रहते डॉ0नवल किशोर शाक्य का सांसद बनने का सपना पूरा होगा?*
*चमचों और चाटुकारों को साथ लेकर चुनाव प्रचार में जुटे हैं।डॉ0 नवल किशोर शाक्य।*
एटा-कहावत है कि राजनीति में कोई एक दूसरे का सगा नहीं होता।अगर इस बात पर गौर किया जाए,तो फर्रुखाबाद लोकसभा से समाजवादी पार्टी के संभावित प्रत्याशी डॉ नवल किशोर शाक्य पिछले वर्षों से लगातार क्षेत्र में जनता के मध्य भृमण कर मतदाताओं से मिलकर आगामी 2024 लोकसभा चुनाव में सपा को जिताने के लिए जनसम्पर्क कर रहे हैं।लेकिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व केबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य जो वर्तमान में सपा के एमएलसी भी हैं, क्या यह चाहेगे कि राजनीति में उनके सामने डॉ0नबल किशोर शाक्य उनके समकक्ष आकर खड़े हो।ऐसा राजनीति में असम्भव सा प्रतीत होता है।डॉ0नवल किशोर शाक्य पूर्व में स्वामी प्रसाद मौर्य के दामाद यानि कि उनकी सांसद बेटी डॉ0 संघमित्रा मौर्य के पति थे।परन्तु कुछ मतभेद हो जाने के कारण आखिर दोनों के मध्य सम्बंध विच्छेद हो गए।इधर डॉ0 नवल किशोर शाक्य ने अंतरराष्ट्रीय केंसर विशेषज्ञ होने का भी गौरव हासिल कर लिया।जिससे उनकी छवि में बढोत्तरी हुई है।और इसी महत्वाकांक्षा के चलते डॉ नवल किशोर शाक्य राजनीति में भी आजमाइस के लिए चुनावी जंग में कूदने की अपनी इच्छा के चलते समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से नजदीकियां बढाते हुए,फर्रुखाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए टिकिट की जुगाड़ में लगकर प्रचार प्रसार में जुटे हुए हैं।लेकिन यहाँ एक बात बहुत ही गम्भीरता का कारण बन सकती है,जो है स्वामी प्रसाद मौर्य का स्वाभिमान।यदि स्वामी प्रसाद मौर्य ने फर्रुखाबाद लोकसभा सीट को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया,और उनकी चली तो डॉ नवल किशोर शाक्य को समाजवादी पार्टी से टिकिट मिलने में अड़चन पैदा हो सकती है।अब देखना यह है, कि क्या स्वामी प्रसाद मौर्य डॉ0नवल किशोर शाक्य को सपा प्रत्यासी बनाये जाने के पक्ष में आते हैं अथवा की दशा में वो डॉ0नवल किशोर शाक्य का विरोध करेंगे।यह आने वाला समय बेहतर बताने में सक्षम होगा।फिलहाल तो डॉ0नवल किशोर शाक्य कुछ राजनीतिक बरसाती मेढ़क रूपी चमचों,चाटुकारों को साथ लेकर चुनाव प्रचार में पूरी ताकत से लगे हुए हैं।देवेंद्र शर्मा देवू।