PM मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” मुहिम का दिखा असर, 2 दशकों में पहली बार निर्यात बढ़ा, आयात में रिकार्ड कमी
मई महीने की बात है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन और कोरोना से डूब रही अर्थव्यवस्था के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था. इसके साथ ही “आत्मनिर्भर भारत अभियान” मुहिम की भी शुरुआत की गई. इस मुहिम के बीच जून महीने में देश को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है.
दरअसल, जून महीने में ट्रेड सरप्लस की स्थिति रही. 18 साल में ये पहला मौका है जब भारत ट्रेड सरप्लस की स्थिति में है. ट्रेड सरप्लस का मतलब ये हुआ कि भारत ने जून महीने में दूसरे देशों को निर्यात ज्यादा किया है और आयात में रिकॉर्ड कमी आई है. आपको बता दें कि जून में देश अनलॉक मोड में आ गया था और आर्थिक गतिविधियां भी सामान्य होने लगी थीं.
किसी भी देश के लिए ट्रेड सरप्लस अच्छी बात होती है. इससे अनुमान लगाया जाता है कि कोई देश कितना निर्भर है. अगर भारत ट्रेड सरप्लस की स्थिति में हैं तो इसका सीधा मतलब यही है कि जून में भारत की विदेशों से निर्भरता कम हुई है. हालांकि, ट्रेड सरप्लस आगे कितने समय तक बना रहता है, ये देखना अहम है.
निर्यात के ज़रिए विदेशी मुद्रा अर्जित होती है जबकि आयात से देश की मुद्रा बाहर जाती है. मतलब ये कि आयात बढ़ने पर व्यापार घाटा भी बढ़ जाता है. इससे देश के अंदर विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आती है. आपको बता दें कि अप्रैल और मई में आयात में कमी की मुख्य वजह सख्त लॉकडाउन था. इस दौरान कच्चे तेल से लेकर हर मोर्चे पर डिमांड में कमी रही थी, लेकिन जून से स्थिति सामान्य होने लगी है.