सरकार LAC पर तैनात जवानों के सुविधा के लिए चीनी भाषा के कोर्स को बनाएगी और एडवांस
चीन से गतिरोध के बाद भारत चीन सीमा पर तैनात इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस को चाइनीज लैंग्वेज कोर्स को और आधुनिक बनाया जाएगा. इसका मकसद है कि सीमा पार तैनात चीनी सैनिकों से भारतीय सुरक्षाबल बेहतर तरीके से संवाद कर सके. इस योजना में कोर्स की संख्या बढ़ाना और सारे जवानों के लिए उनकी जरूरत के हिसाब से ट्रेनिंग प्लान तैयार करना शामिल है.
बताया गया कि जल्द ही भारत सरकार इस योजना पर अमल करने वाली है कि भारत चीन सीमा पर तैनात करीब 90 हजार जवानों की फोर्स ITBP के हर जवान को बेसिक चाइनीज लैंग्वेज की ट्रेनिंग मिले. इससे पहले भी जवानों के लिए चाइनीज लैंग्वेज का कार्यक्रम लागू था, लेकिन अब और ज्यादा योजनाबद्ध तरीके से हर एक जवान को इस पाठ्यक्रम से जुड़े कोर्स को पूरा करना होगा. इस पाठ्यक्रम में बेसिक ट्रेनिंग कोर्स और रिफ्रेशर कोर्स शामिल है. जवानों को मैंडेरिन भाषा भी सिखाई जाएगी.
फोर्स के जवानों को चीनी भाषा सिखाने की जिम्मेदारी आईटीबीपी के चाइनीज लैंग्वेज डिपार्टमेंट की होती है, जहां इससे जुड़े पाठ्यक्रम को नया रूप देने की योजना पर काम चल रहा है. योजना के मुताबिक, 1 से 2 साल तक चलने वाले बेसिक ट्रेनिंग कोर्स में सीखने वाले आईटीबीपी कर्मियों की तादात बढ़ाई जाएगी. समय-समय पर 3 से 4 महीने के जो रिफ्रेशर कोर्स होते रहते हैं. अब उनकी संख्या भी बढ़ाई जाएगी. इसके साथ ही पाठ्यक्रम में ऑडियो और वीडियो ट्रेनिंग पर खास जोर दिया जाएगा.