आप जानते हैं? आपके 1 किलो बाल की कीमत आईफोन-14 के बराबर, कटे-झड़े-टूटे बाल पहुंचाए जाते हैं चीन, बालों के बिजनेस में इंडिया नंबर-1, केन्द्रीय मंत्री भी 15 करोड़ कमा रहे इससे

अगर आप झड़े हुए बालों को यूं ही फेंक देते हैं तो पढ़िए पहले ये चौंकाने वाली घटना… जयपुर के चांदपोल इलाके की माली कॉलोनी में चोरों ने एक गोदाम का ताला तोड़ा.
चुराया क्या?…….100 किलो बाल
चुराया क्यों?…….क्योंकि उन बालों की कीमत थी 6 लाख रुपए
ये वो बाल थे जो या तो कंघी करते समय टूट जाते हैं या लोग पार्लर में जाकर कटवा देते हैं. जहां चोरी हुई, वो बालों का कलेक्शन सेंटर था. बालों की कीमत 6 लाख रुपए सुनकर चौंक गए तो ये भी जान लीजिए कि राजस्थान में बालों के इस कारोबार का सालाना टर्न ओवर है 200 करोड़. बालों की कीमत क्वालिटी से तय होती है. कई बार तो एक किलो बाल की इतनी कीमत लगती है कि उससे डेढ़ तोला की गोल्ड की चैन खरीद सकते हैं या आईफोन-14 का लेटेस्ट वर्जन खरीद सकते हैं. नॉर्थ इंडियंस के बालों की डिमांड इतनी ज्यादा है कि खरीदने वाले एक किलो के 1 लाख रुपए तक देने को तैयार हो जाते हैं.
फेरीवाले घर-घर जाकर रुपए देकर महिला, युवतियों के बालों का कलेक्शन करते हैं. फिर बड़े व्यापारी इनसे खरीदते हैं. इसके अलावा सैलून, पार्लर से भी डायरेक्ट खरीद होती है. राजस्थान में करीब पांच दर्जन व्यापारी बालों के कारोबार में जुड़े हुए हैं. ये व्यापारी राजस्थान से बालों को इकट्ठा कर कोलकाता, चेन्नई जैसी जगह फैक्ट्रियों में भेजते हैं. फैक्ट्रियों में केमिकलों से बालों की ट्रीट किया जाता है और काला बनाने के लिए पॉलिशिंग होती है. कई तरह के कंडीशनर भी बालों पर इस्तेमाल किए जाते हैं, जिससे वे मुलायम हो सकें. फिर फैक्ट्री में तैयार माल को कोलकाता, चेन्नई के बड़े व्यापारियों को बेचते हैं. यहां बालों के ट्रीटमेंट का अंतिम प्रोसेस होता है. यहां से बाल चीन, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका, ब्रिटेन भेजे जाते हैं. जहां इनके कस्टमाइज्ड विग तैयार होते हैं.
बालों के कारोबार से जुड़े व्यापारियों ने बताया कि अभी राजस्थान में इस व्यापार में काफी संभावनाएं हैं. यहां दो-ढाई साल पहले बालों की खरीद-फरोख्त का काम थोड़ा चलन में आया था, जो अब 200 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. राजस्थान में करीब 8 हजार किलो सालाना बालों का व्यापार हो रहा है. एक किलो बाल की एवरेज कीमत करीब 40 हजार रुपए होती है. आपने ‘उजड़े चमन’ और ‘बाला’ जैसी फिल्में तो जरूर देखी होंगी. जब बाल झड़ जाते हैं तो लोगों के रिश्ते तक टूट जाते हैं. गंजापन दूर करने की इसी समस्या ने करोड़ों रुपए का ये बिजनेस खड़ा कर दिया है. शादी का मौका हो या गुड लुकिंग हेयर स्टाइल की बात, दोनों में ही लोग ऑपरेशन के बिना सॉल्यूशन चाह रहे हैं. ऐसे में बीते दो तीन साल से बालों की रेस्टोरेशन यानी पैचिंग का चलन बढ़ गया है, जिसकी वजह से टूटे या झड़े हुए बालों की डिमांड भी बढ़ रही है.
दो साल पहले तक राजस्थान में जयपुर, उदयपुर, जोधपुर जैसे बड़े शहरों में ही बिना ऑपरेशन गंजापन दूर करने के लिए रेस्टोरेशन के गिने चुने क्लिनिक थे. लेकिन अब इनकी संख्या 100 से भी पार हो चुकी है. अब तो गांवों से भी ग्राहक आने लगे हैं और व्यापार कस्बों तक फैल गया है. इस व्यापार से 10 सालों से जुड़े अशोक बालान ने बताया कि महिलाओं के बालों से ही पुरुषों के सिर पर बाल लगाए जा रहे हैं. बड़े और क्वालिटी बाले बाल होने के कारण महिलाओं के बालों को मनचाहे साइज में कट करके विग तैयार किए जाते हैं. फैक्ट्रियां एक कॉमन नाप के हिसाब से विग तैयार करती हैं, जिन्हें क्लिनिक या सैलून में घटा-बढ़ा लिया जाता है.
पुरुष के सिर में जितना गंजापन है, उतने हिस्से का नाप लिया जाता है. इसके बाद सिर पर बालों का रेस्टोरेशन किया जाता है. रेस्टोरेशन को आम भाषा में हेयर पैच कहा जाता है. ये गंजेपन को एक तरीके से ढ़कने का तरीका है. इससे बालों में शेंपू, ऑयल, कोम्ब करने में आसान होता है. पैचिंग का काम महज एक से डेढ़ घंटे में पूरा हो जाता है. देखने के बाद कोई कह ही नहीं सकता कि यहां से बाल उड़े हैं. दरअसल, विग या पैच तैयार करने के लिए बालों की लंबाई कम से कम 8 इंच होनी चाहिए. साउथ के बाल कर्ली ज्यादा होते हैं, ऐसे में नॉर्थ इंडिया से बालों की डिमांड बढ़ गई है. बालों की कीमत उनकी क्वालिटी पर निर्भर करती हैं.
इनकी दरें 4-5 हजार रुपए प्रति किलो से लेकर 80 हजार से डेढ़ लाख रुपए प्रति किलो तक जाती है. देश की बात करें, तो राजस्थान से कोलकाता, चेन्नई जैसे शहरों में बाल जाते हैं और वहां से पूरा ट्रीट होकर और विग की स्टाइल में बनकर वापस पूरे देश और विदेश में सप्लाई होती है. ब्यूटीशियन पूजा जैन ने बताया कि उनसे कई बार बालों के व्यापारियों ने सम्पर्क किया है. हालांकि वे दबाव नहीं डालते, लेकिन जागरूक करते हैं। फिर जो ब्यूटी पार्लर मालिक उन्हें बाल बेचना चाहें तो बेच सकता है. जैन ने बताया कि महिलाओं में हेयर एक्सटेंशन की डिमांड ज्यादा है. महिलाओं में खासतौर पर नई जनरेशन में आम शिकायत है कि बाल थिन होते हैं. वहीं, पुरुषों में बाल झड़ने की समस्या अधिक है. ऐसे में सिर के जिस हिस्से में बाल उड़ जाते हैं, वहां बिना सर्जरी बालों का रेस्टोरेशन होता है. हेयर एक्सटेंशन हो या रेस्टोरेशन, आज कल बालों के मामले में पैसा खर्च करने में कोई गुरेज नहीं कर रहा है.
दुनिया की बात करें, तो इस व्यापार में भारत नंबर वन पर है. अन्य देशों में भारत के बालों की डिमांड भी अधिक है. भारत 90% तक बालों की आपूर्ति करता है. आंकड़ों के अनुसार इस वित्तीय वर्ष के पहले क्वाटर में बालों का 1.25 हजार करोड़ रुपए का व्यापार हुआ. मार्केट रिसर्च कंपनी एरिजटोन के अनुसार 2021 में विग और बालों का वैश्विक कारोबार 47 हजार करोड़ रुपए से अधिक का हुआ. पिछले वर्ष अकेले भारत में 6350 करोड़ रुपए के बालों का निर्यात हुआ, जो वर्ष 2020 की तुलना में दोगुना रहा.
व्यापारियों को बाल निर्यात करने के लिए लाइसेंस लेना पड़ता है. व्यापारियों को उम्मीद है कि निर्यात के बजाय भारत में घरेलू विग तैयार करने का कारोबार तेजी से बढ़ेगा. यहां फिलहाल मांग की तुलना में अधिक फैक्ट्रियां नहीं हैं. केवल बड़ी कंपनियों को ही निर्यात के लिए लाइसेंस मिलता है. क्या आप जानते हैं कि कटे हुए बालों से केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सालाना 12 से 15 करोड़ रुपए कमा रहे हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को नए बिजनेस आइडिया के लिए जाना जाता है. साल 2018 में नितिन गडकरी ने वेस्ट से पैसा कमाने का यह बिजनेस आइडिया एक टीवी कार्यक्रम में शेयर किया था. उन्होंने बताया कि वे सालभर में ट्रक भर बाल खरीदते हैं. इन बालों से गांव में ही लगाई एक फैक्ट्री में अमीनो एसिड तैयार करवाते हैं. इसके लिए दुबई से उन्हें 180 कंटेनर का ऑर्डर भी मिला था. एक्सपर्ट के मुताबिक 1 किलो बाल से 8 लीटर अमीनो एसिड बन सकता है, जो फलीदार फसलों में खाद का काम करता है.