” *पैथोलॉजी में चौबीस घंटे जांच कराने का रोस्टर जारी, रिपोर्ट योगेश मुदगल

एटा। मेडिकल कालेज में आने वाले मरीजों को 24 घंटे जांच सुविधा देने के लिए रोस्टर जारी किया गया है। 24 घंटे में तीन शिफ्ट होंगी। उसके बाद भी अभी तक जांच सुविधा शाम पांच बजे तक ही मिल पा रही है।
मेडिकल कॉलेज में 208 दवाओं में सिट्रीजन और एलर्जी की दवा उपलब्ध नहीं
एटा। मेडिकल कालेज के स्टोर में 208 दवाओं की उपलब्धता बताई जा रही है। उसके बाद भी मेडिकल कालेज में आने वाले मरीजों को सिट्रीजन और एलर्जी की दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। सिट्रीजन के विकल्प पर दी जा रही दवा पीसीएम के साथ मरीज को लाभ नहीं दे पा रही है। एलर्जी की दवा न होने से नेत्र, त्वचा रोगी बिना दवा के लौट रहे हैं।”
वीरांगना अवंतीबाई लोधी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में सामान्य बीमारियों की दवा भी रोगियों को नहीं मिल पा रही है। मेडिकल कॉलेज की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है। दवा उन्हीं को मिलेगी जो मरीज भर्ती होंगे।
मेडिकल कालेज में सोमवार को लगभग 1200 मरीजों ने पहुंचकर सामान्य एवं गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए पर्चा बनवाया। मेडिकल कालेज की पैथोलॉजी में अब मरीजों को जांच कराने में काफी दिक्कत आ रही है। कालेज प्राचार्य ने निर्देश जारी किए है कि बाह्य रोगी विभाग में दिखाने आये रोगियों को केवल सामान्य जीवन रक्षक दवा ही लिखी जाएं और सामान्य जांच की जाएं। सामान्य रोगियों की विशेष जांच बिना भर्ती नहीं की जाएगी। विशेष जांच एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, एलएफटी, केएफटी जांच कराने को वार्ड में भर्ती होना पड़ेगा। गहन रोगों औषधि एवं दवायें केवल चिकित्सकों के माध्यम से ही लिखी जाएगी। जिस पर चिकित्सक के स्पष्ट हस्ताक्षर अनिवार्य हैं। प्राचार्य के निर्देश के बाद पैथोलॉजी में डेंगू, मलेरिया, सीबीसी के अलावा अन्य जांच के लिए मरीज परेशान हो रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज में मरीजों के लिए पर्याप्त दवाएं हैं। सिट्रीजन, एलर्जी की दवाऐं भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। वह वार्ड में भर्ती कर मरीजों को दी जा रही है। डॉ. विवेक पाराशर, मीडिया प्रभारी, मेडिकल कालेज, एटा।
बच्चे की आंख में दिक्कत थी। उसको ओपीडी में चिकित्सक को दिखाया। चिकित्सक ने पर्चे पर चार दवा लिखी। उसमें से एक मिल सकी है। अन्य दवाएं बाहर मेडिकल से लेने जा रहे है।
अकील, होली मोहल्ला, एटा
बच्चे को खुजली, एलर्जी हो गई थी। उसे डॉक्टर को दिखाया। डाक्टर ने पर्चे में जो दवा लिखीं वे दवाएं वितरण कक्ष से देने से इंकार कर दिया। उसके बाद उन्होंने जन औषधि केन्द्र से दवा ली है।
सुमन लता, रामपुर घनश्याम, एटा