पीएमएसएमए दिवस पर हुई 697गर्भवती महिलाओं की नि:शुल्क जांच
-परिवार नियोजन के प्रति किया गया जागरूक : सीएमओ
एटा,

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस के मौके पर शुक्रवार को शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों एवं जिला महिला चिकित्सालय पर गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व जांच की गईं। इस दिवस का आयोजन कोविड-19 के अनुरूप व्यवहारों का पालन करते हुए परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर परिवार नियोजन की काउंसलिंग के लिए काउंटर भी लगाए गए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि गर्भवती व शिशु स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हर महीने की 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया जाता है। इसलिए तीज के त्यौहार को ध्यान में रखते हुए सरकार के निर्देशानुसार इसका आयोजन 10 सितंबर को किया गया। पीएमएसएम डे का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक द्वितीय व तृतीय तिमाही वाली गर्भवती महिलाओं की एमबीबीएस चिकित्सक अथवा महिला रोग विशेषज्ञ की देखरेख में जांच करके उन्हें समुचित इलाज व जानकारी मुहैया कराना है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं की ब्लड ग्रुप, रक्तचाप, मधुमेह, वजन, यूरिन, एचआईवी, सिफलिस आदि जांच तथा नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड से साथ अन्य सभी जांच भी नि:शुल्क तौर पर की जाती है। इस जांच का मुख्य उद्देश्य गर्भवती के स्वास्थ्य की निगरानी करना है, जिससे मातृ व शिशु मृत्यु को रोका जा सके।
सीएमओ डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि जिले में सोमवार को जिला महिला अस्पताल समेत 11 ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया गया। इस दौरान 697 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई । जिसमें से 78 उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को चिन्हित किया गया।
जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता ताहिरा अल्वी ने बताया कि बेहतर पोषण गर्भवती महिलाओं में खून की कमी होने से बचाता है। ऐसे में उन्हें हरी सब्जी, फल, सोयाबीन, चना एवं गुड़ का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा गर्भावस्था के आखिरी दिनों वाली महिलाओं को दिन में चार बार खाना चाहिए, जिससे कि वह और उसका शिशु स्वस्थ रहें।
उन्होंने बताया कि बेहतर पोषण होने से प्रसव के दौरान महिलाओं में होने वाली जटिलता में काफी कमी आ जाती है और गर्भावस्था के दौरान द्वितीय व तृतीय तिमाही में गर्भवती को विभिन्न प्रकार की जटिलताए होने की संभावना बढ़ जाती है। उस अवस्था में गर्भवती महिला को हाई रिस्क प्रेगनेंसी (उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था) श्रेणी में रखा जाता है। प्रसव पूर्व की जाने वाली सभी जांच द्वारा इन जटिलताओं का समय से पता लगाकर, इनसे होने वाले खतरों से गर्भवती व शिशु को बचाया जा सकता है।
लॉजिस्टिक्स मैनेजर परिवार नियोजन अवनीश पाठक ने बताया कि इस बार प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर फैमिली प्लानिंग की सुविधा उपलब्ध कराने व गर्भवती महिलाओं की परिवार कल्याण से संबंधित काउंसलिंग करने के उद्देश्य से सभी केंद्रों पर परिवार नियोजन से संबंधित एक काउंटर भी बनाए गए। जिससे वहां आने वाली महिलाओं को परिवार नियोजन के साधनों के विषय में जानकारी प्रदान की जा सके। साथ ही इच्छुक दंपत्ति को परिवार नियोजन के साधन भी उपलब्ध कराए जा सकें।