स्कूल फीस मामले में HC ने सरकार से पूछा- आप बताए कोरोना काल की कितनी होनी चाहिए फीस?

प्राइवेट स्कूलों में फीस वसूली के मामले में आज राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि वह शपथ-पत्र पेश करके बताए कि कोरोना काल में प्राइवेट स्कूलों की फीस कितनी होनी चाहिए. वहीं स्कूल खुलने के बाद शेष बचे सेशन के लिए कितनी फीस निर्धारित की जा सकती है. आज सीजे इंद्रजीत माहन्ती की खंडपीठ ने राज्य सरकार और अधिवक्ता सुनील समदरिया की अपील पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए हैं. वहीं अगली सुनवाई तक फीस वसूली पर रोक जारी रहेगी. पूरे मामले में कोर्ट 20 अक्टूबर को अगली सुनवाई करेगी.
दरअसल आज सुनवाई शुरू होते ही मामले में अपीलकर्ता अधिवक्ता सुनील समदरिया ने कोर्ट के सामने एक प्रपोजल रखते हुए कहा कि अदालत इस एकेडमिक सेशन के लिए 50 प्रतिशत फीस निर्धारित कर दे. इससे कोरोना काल में अभिभावकों पर भी दवाब नहीं आए. वहीं स्कूलों को भी नुकसान नहीं उठाना पड़े. इसके साथ ही 2021-22 के लिए फीस एक्ट 2016 के तहत फीस निर्धारित करने के निर्देश जारी कर दें. लेकिन इस प्रस्ताव का स्कूल संचालकों की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कमलाकर शर्मा ने विरोध किया और मैरिट पर सुनवाई करने का आग्रह किया. इस पर कोर्ट ने सरकार को शपथ-पत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं ताकि कोरोना काल की फीस निर्धारित की जा सके.