
सिंदरी/ धनबाद। इमाम हुसैन की शहादत की याद में रविवार इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार वर्ष का प्रथम महीना त्याग और बलिदान का पर्व मोहर्रम की10 तारीख को मुस्लिम धर्माविलंबियों द्वारा मातम मानते हुए शहर के विभिन्न स्थानों से ताजिया जुलूस निकाले गए। इस वर्ष ताजिया जुलूस में सरकार की गाइडलाइंस का पालन किया गया। शहर की विद्युत व्यवस्था बाधित न हो इसे लेकर लगभग 12 फीट ऊंचा ताजिया बनाया गया। इस अवसर पर सांप्रदायिक एकता का उदाहरण देखने को मिला ,जिसमें मुस्लिम समाज समुदाय के साथ हिंदू समाज के राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों के लोग भी जुलूस में शामिल हुए।
मोहम्मद मुंतज़िर खान -खलीफा की देखरेख में रांगामाटी इमामबाड़ा से या हुसैन- या हुसैन के नारे लगाते हुए ताजिया जुलूस में सैकड़ो मुस्लिम समाज के लोग पारंपरिक वेशभूषा में हैरत एगेंज कर्तव्य दिखाते हुए शहर के विभिन्न निर्दिष्ट मार्गों से होते हुए सिंदरी थाना पहुंचे। थाने में पुलिस विभाग द्वारा शरबत की व्यवस्था की गई थी। जुलूस के साथ पुलिस प्रशासन द्वारा विधि व्यवस्था बनाए के रखने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे। लौटने के क्रम में ताजिया जो इमाम हुसैन की कब्र का प्रतीक है ,को जुलूस में शामिल किया जाता है, उसे कर्बला में दफनाया गया। ताजिया जुलूस डोंमगढ़ और चूड़ी पट्टी गौशाला से भी निकला गया।
जुलूस की सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए सिंदरी थाना प्रभारी संजय कुमार के संग सिंदरी थाना और गौशाला ओपी के पुलिस अधिकारी एवं पुलिस बल मौजूद थें। इसके अलावा मोहम्मदजमालुद्दीन, मोहम्मद यूसुफ,मोहम्मद शब्बीर ,मोहम्मद सब्बू, मोहम्मद सलीम ,मोहम्मद नसीम ,मोहम्मद सलाम ,मोहम्मद मुन्ना, दिनेश सिंह, संतोष चौधरी, मोहम्मद कामरान ,राजू पांडे के साथ सैकड़ो जरूर में शामिल थे।