
हैदराबाद में एतिहासिक चारमिनार के पास गुलजार हौज़ इलाके की एक इमारत में लगी आग से एक तस्वीर ऐसी निकली, जिसने इंसानियत, ममता और दर्द की सारी सीमाएं पार कर दीं. यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक मां की ममता और बच्चों के लिए उसके अटूट प्रेम की अमर गाथा बन गई है. इस हादसे में 17 लोगों की जान चली गई, जिनमें 8 बच्चे शामिल है. लोगों को आग से निकालने के लिए जब कुछ लोग घर के अंदर पहुंचे, तब वहां जो नजारा उन्होंने देखा, वो उनकी आंखों में हमेशा के लिए कैद हो गया।धुएं और आग से भरे उस घर के पहले माले पर, एक महिला की झुलसी हुई लाश मिली… लेकिन वो अकेली नहीं थी. उसकी बाहों में चार छोटे-छोटे बच्चे थे. इनमें दो लड़कियां, एक लड़का और एक नवजात शिशु था. मौत से पहले के उन आखिरी पलों में वह महिला इन बच्चों को बचाने की हरसंभव कोशिश कर रही थी. उसके हाथ में एक मोबाइल था, जिसकी टॉर्च जल रही थी… शायद धुएं से अंधेरे में कुछ दिखाई नहीं दे रहा था, मगर मां आखिरी दम तक उम्मीद की रोशनी लिए बच्चों को थामे रही।