आपरेशन सिंदूर : एक सैन्य अभियान नहीं,आतंक के खिलाफ अटल प्रतिबद्धता की कहानी– ज्ञानेन्द्र रावत

बीती 10 मई की शाम, पाकिस्तान ने भारत से सीजफायर की गुहार लगाई, तो यह भारतीय सेना की उस ऐतिहासिक जीत का क्षण था, जिसने ऑपरेशन सिंदूर को देश के हर घर में गर्व और शौर्य का विषय बना दिया। 6-7 मई की आधी रात से शुरू हुए इस अभियान ने न केवल पाकिस्तान समर्थित आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया, बल्कि सरगोधा और नूरखान जैसे सामरिक हवाई अड्डों को तबाह कर पाकिस्तान को सैन्य रूप से पंगु बना दिया। यह कहना है वरिष्ठ पत्रकार,लेखक एवं ख्यात पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत का। उनके अनुसार यह ऑपरेशन भारतीय सेना की रणनीतिक कुशलता और वैश्विक श्रेष्ठता का प्रतीक है, जिसने साबित कर दिया है कि उसका दुनिया में कोई मुकाबला नहीं। और यह भी कि वह अब आतंकवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं करेगा।
पाकिस्तान का सीजफायर का अनुरोध तब आया, जब भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत उसके आतंकी ठिकानों, हथियार भंडारों, वायु सैनिक अड्डों सहित उसके परमाणु केन्द्र के समीप स्थित वायुसैनिक प्रतिष्ठानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया था। असलियत में सरगोधा और नूरखान जैसे हवाई अड्डों पर हमले, जो परमाणु ठिकानों के समीप हैं, ने पाकिस्तान में खौफ पैदा कर दिया था। इन ठिकानों पर तैनात वायु रक्षा प्रणाली, रडार, अवाक्स सिस्टम, और सैन्य हवाई जहाजों के हैंगरों को नष्ट कर भारत ने पाकिस्तान को सैन्य रूप से असमर्थ बना दिया। यह वो क्षण था, जब पाकिस्तान ने समझ लिया कि अब उसका कोई शहर, कस्बा, या सैन्य प्रतिष्ठान भारत की पहुंच से सुरक्षित नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल उसके आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि पाकिस्तान की उस हेकड़ी को भी तोड़ दिया, जो वह भारत विरोध में दिखाता रहा है।
भारतीय वायुसेना ने राफेल, सुखोई-30, और मिराज 2000 जैसे लड़ाकू विमानों के साथ ब्रह्मोस, स्काल्प और स्पाइस-2000 जैसी मिसाइलों ने न केवल सटीकता के साथ निशाने साधे बल्कि स्वदेशी हथियार और तेजस सहित द्रष्टि ड्रोन की भी अपनी प्रभावशीलता साबित की। यह भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता का ऐसा प्रदर्शन था, जिसने स्वदेशी हथियारों की सार्वभौमिक स्वीकार्यता को स्थापित किया।
यह ऑपरेशन भारतीय सेना की वैश्विक श्रेष्ठता का ऐसा प्रदर्शन था, जिसने दुनिया को बता दिया कि उसका कोई मुकाबला नहीं।
इस आपरेशन में भारतीय सेना ने न केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि पाकिस्तान को यह भी दिखा दिया कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता नीति अपनाएगा। ऑपरेशन की सफलता ने देश में एकता और गर्व की भावना जगाई। हर घर में भारतीय सेना के शौर्य की चर्चा है। यह ऑपरेशन न केवल आतंक का खात्मा करने की कहानी है, बल्कि भारत की उस अटल प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो दुनिया को बता रही है कि वह किसी भी चुनौती से पार पा सकता है।ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि यदि वह अपनी नीतियों को नहीं बदलता, तो उसका खंड-खंड होना तय है।
ऑपरेशन सिंदूर की गूंज आज हर भारतीय के दिल में है। यह केवल एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि भारत की एकता, संकल्प, और आतंक के खिलाफ उसकी अटल प्रतिबद्धता की कहानी है। जैसे-जैसे यह कहानी देश के घर-घर में गर्व का विषय बन रही है, सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान अपनी गलतियों से सबक लेगा, या वह और गहरे संकट में डूबेगा?