सीएमओ एटा द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड के अध्यक्ष को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्यवाही पर उठे सवाल

अवैध बसूली को लेकर मेडिकल बोर्ड के अध्यक्ष गिरफ्तार हुए इस तथ्य को उजागर करने से आखिर क्यों बचते रहे अफसर ?

एटा। जिले में इन दिनों चल रही आरक्षी पदो पर सीधी भर्ती की चिकित्सा परीक्षण में मेडिकल बोर्ड की रिश्वतखोरी के मामले में प्रशासन और पुलिस ने मिल कर कार्यवाही की है। जिसमें दो डाक्टर जेल भेज दिए गए है। परन्तु हैरत की बात यह है कि पुलिस और प्रशासन ने मीडिया से यह जिंदा सबूत छुपाया है उक्त जेल भेजे गए डाक्टरों में डा अनुभव अग्रवाल मुख्य चिकित्सा अधिकारी एटा के अधीन सामुदायिक स्वा केंद्र जैथरा पर तैनात मेडिकल अफसर है। जो इस आरक्षी चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष हैं। जिन्हें मुख्य चिकित्साधिकारी अपने आधिकारिक अधिकार पत्र निर्गत करते हुए 19 अप्रैल को उक्त चिकित्सा परिषद में नामित किया है। जिसकी सूचना विधवत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा सहित विभाग के आला अफसरों को दी गई है।उक्त बोर्ड में तीन अन्य सदस्य भी है जिनमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बागवाला की महिला चिकित्सा अधिकारी को भी रखा है। सवाल उठता है जब बोर्ड के अध्यक्ष भ्रष्ट और घूसखोर कार्यों में पकड़े गए है तो बोर्ड के शेष सदस्त पाक साफ कैसे हो सकते है ? इस बोर्ड को गठित करने वाले मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जबावदेही पर प्रशासन और पुलिस ने विचार कर कोई नोटिस क्यों नहीं लिया ? यह भी बताया जा रहा नियमित दिव्यांग बोर्ड के प्रकरण में जेल भेजे गए कथित बोर्ड अध्यक्ष के विरुद्ध जांच प्रचलित है फिर सी एम ओ एटा ने ऐसे मेडिकल अफसर को अध्यक्ष क्यों बनाया ? आदि सवाल उठ रहे है जिनका उत्तर न तो प्रशासनिक अधिकारी और न पुलिस दे रही उल्टे इस सबूतों को अनदेखा कर सराहनीय अनावरण के दावे किए जा रहे है। जबकि नियंसुसार इस तरह के बोर्ड में अध्यक्ष के रूप में एसीएमओ स्तर के अधिकारी होते रहे है इनकी उपलब्धता न होने पर कोई भी डिप्टी सी एम ओ अध्यक्ष होता है। विशेषज्ञ सदस्य के रूप में परीक्षण करते है। परन्तु तीन एसी एम ओ तीन डिप्टी सी एम ओ होने के बाद भी मेडिकल अफसरों को खुली छूट किस वजह से दी गई यह भी विवेचकों और प्रशासनिक अधिकारियों को समझना होगा।
निष्पक्ष परीक्षण एवं भ्रष्टाचार विहीन भर्ती को तार तार करते हुए बोर्ड अध्यक्ष ने शासन की पारदर्शी चयन प्रक्रिया को जबरदस्त तरह से धूमिल किया है। पूरी परीक्षण प्रक्रिया संदेहास्पद बन गई है। बताया गया है एटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी जुलाई माह में प्रशानिक पद से विलग होने वाले इस कारण चलते चलते अपने मुंह लगे लोगों के साथ नियम विरुद्ध कार्य करवा रहे। नियमों के विपरीत मनमर्जी से कार्य करने बाली वर्किंग शैली के अभ्यस्त है। यह कोई नया मामला नहीं है अनेक कनिष्ठ कर्मियों एवं अधिकारियों से काम करवाए जा रहे हैं। इस गिरफ्तारी जेल भेजे जाने की कार्यवाही के बाद मीडिया से गोलमोल जबाव देकर घुमाते रहे। प्रशासन और पुलिस ने मिल कर जब 8 मई को शहर के सुमित्रा डायग्नोटिक सेंटर पर छापामार कार्यवाही की तो वहीं यह खुलासा हो गया मेडिकल बोर्ड छुप कर इस जगह काम कर रहा है और अनुभव अग्रवाल बोर्ड के अध्यक्ष है। परन्तु प्रशासनिक अफसरों ने इसको नजरंदाज करते हुए फकत डॉक्टर बता कर कार्यवाही की जबकि सरकारी नाम पद का जिक्र कर खुलासा बताना चाहिए था। इस बचने बचाने के अंदाज से प्रतीत होता है जिले के जिम्मेदार आला अफसर आखिर कोई है ? जिसे बचाना चाहते है। जबकि मेडिकल परीक्षण के दौरान देखा गया आधा दर्जन से अधिक स्वास्थ विभाग के कर्मी और विभागीय दलाल सक्रिय रहे।
बोर्ड स्थल से अलग अभ्यर्थियों को फेल करने और बसूली के एजेंडे पर यूं ही काम नहीं हो रहा था। विवेचना अधिकारियों को विभागीय आला अफसरों के यहां बोर्ड के सदस्यों की आवाजाही एवं इस प्रक्रिया से जुड़े दल की काल डिटेल देखने का भी काम करना चाहिए था । पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति को भी देखिए जिसमें बताया जा रहा है कि

एटा – थाना कोतवाली नगर पुलिस को मिली सफलता, अवैध रूप से मेडिकल परीक्षण के पूर्व ही अनफिट होने का भय दिखाकर अभ्यर्थी तथा उनके अभिभावकों से अनुचित तरीके से रुपए लेने तथा शारीरिक परीक्षण करने के मामले में वांछित दो आरोपी डॉक्टर गिरफ्तार।
घटना का विवरण –
दिनांक 08.05.2025 को समय 18.30 बजे प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर के व्हाट्सअप पर कई वीडियो व फोटो इस नोट के साथ प्राप्त हुए कि जनपद एटा में पुलिस भर्ती के चल रहे मैडीकल में डा0 अनुभव अग्रवाल द्वारा अवैध वसूली की जा रही है, व्हाट्सएप पर प्राप्त वीडियो में डा0 अनुभव अग्रवाल द्वारा अवैध वसूली करते हुए अभ्यर्थियों की सामान्य शारीरिक मैडिकल किसी प्राइवेट स्थान पर करते हुए दिखाया गया है, जाँच से पता चला कि उक्त वीडियो व फोटो सुमित्रा डायग्नोस्टिक सेन्टर एटा में चल रहे कलावती सी.टी. स्कैन सेन्टर का है।उक्त वायरल वीडियो को दिखाते हुए कर्मचारी लवकुश उपरोक्त से वीडियो के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तो बताया कि वीडियो में वे बच्चे है जो पुलिस भर्ती परीक्षा के मैडीकल में आगे के दिनो में शामिल होने वाले हैं। जिन्हे मैडीकल परीक्षण में अनफिट करने का भय दिखाकर डाक्टर अनुभव अग्रवाल द्वारा अपने अज्ञात सहयोगियों के माध्यम से बुलाया गया है। दिनाक 03.05.2025 को बना वीडियो जो वायरल किया गया है उसमें स्पष्ट रूप से डा0 अनुभव अग्रवाल प्राईवेट व्यक्ति से पैसे का लेन-देन करते दिखाई पड रहे हैं इसी वीडियो में डा0 राहुल भी आये हुये दिखाई पड़ रहे हैं। इसी वीडियो में एक अज्ञात अभ्यर्थी अपने कपडे उतारकर डा0 अनुभव अग्रवाल को दिखा रहा है। वीडियो में दो और व्यक्ति हैं। काउण्टर के बाहर कुछ लोग चहल कदमी करते हुये दिखाई पड रहे हैं। अब तक की पूछताछ से स्पष्ट है कि डाक्टर अनुभव अग्रवाल व डा0 राहुल वार्षेण्य द्वारा अन्य लोगों के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से उ0प्र0 पुलिस में आरक्षी संवर्ग के पदों पर सीधी भर्ती 2023 की शारीरिक मैडीकल परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों से मैडीकल परीक्षण के दिनांक से पूर्व ही मेडिकल परीक्षण में अनफिट होने का भय दिखाकर अभ्यर्थीयों व उनके अभिभावकों से अनुचित आर्थिक लाभ लिया जा रहा है।

गिरफ्तारी का विवरण :-
एसएसपी एटा के निर्देशन में उपरोक्त अभियोग से संबंधित दो अभियुक्तों को 1.डा0 राहुल वार्ष्णेय पुत्र ओ0पी0 वार्ष्णेय निवासी विजय नगर थाना कोतवाली नगर एटा 2.डा0 अनुभव अग्रवाल पुत्र डा0 हरीशचन्द्र निवासी परिणय कुंज देहली गेट थाना हरीपर्वत जिला आगरा को आज दिनांक 09.05.2024 को गिरफ्तार कर थानास्तर से अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।

गिरफ्तार अभियुक्तगण का नाम पता :-

  1. डा0 राहुल वार्ष्णेय पुत्र ओ0पी0 वार्ष्णेय निवासी विजय नगर थाना कोतवाली नगर एटा
  2. डा0 अनुभव अग्रवाल पुत्र डा0 हरीशचन्द्र निवासी परिणय कुंज देहली गेट थाना हरीपर्वत जिला आगरा।
    मजे की बात है हाई बोल्टेज इस मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एटा की कोई जवाबदेही पर बात नहीं गई। जबकि पूरा बोर्ड नियम विरुद्ध अपनी मनमर्जी से मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने ही गठित किया। मीडिया के माध्यम से पूरे मामले को मेडिकल कॉलेज की तरफ डायवर्ट करते रहे। जब मेडिकल कालेज के सी एम एस के माध्यम से प्राचार्य को लिखित रूप में अवगत कराया गया कि मेडिकल बोर्ड चिकित्सा स्वास्थ द्वारा गठित होता है चिकित्सा शिक्षा का कोई रोल नहीं होता तब इस आधार पर प्राचार्य डा रजनी पटेल ने मीडिया को अवगत कराया मेडिकल कालेज का कोई डाक्टर इस बोर्ड में नहीं है। अब देखना है उत्तर प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार रहित नीति की धज्जियां बिखरने वाले इन अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही होती है देखने वाली बात होगी ?
    दिनेश चंद्र शर्मा व्यूरोचीफ दैनिक चर्चा आज की

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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