
नई दिल्ली/सोनभद्र: कोयले के कथित गोरखधंधे से जुड़े एक मामले में सोनभद्र की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अदालत ने पूर्व मान्यता प्राप्त पत्रकार राहुल श्रीवास्तव सहित 21 लोगों को तलब किया है। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय मीडिया फाउंडेशन (Bharatiya Media Foundation) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) जैसी उच्च स्तरीय जांच एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एवं इंटरनेशनल मीडिया आर्मी के संयोजक एके बिंदुसार ने नई दिल्ली स्थित भारतीय मीडिया फाउंडेशन के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा कि पत्रकारों से जुड़े इस संवेदनशील मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित करके गहन जांच की जानी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
उल्लेखनीय है कि सोनभद्र न्यायालय के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अपराध संख्या-180 सन् 2023, मुकदमा नम्बर- 42 सन् 2025 (राज्य बनाम फिरोज वगैरह) धारा- 419, 420, 120बी भारतीय दंड संहिता, थाना- चोपन, जनपद- सोनभद्र के तहत पूर्व मान्यता प्राप्त पत्रकार राहुल श्रीवास्तव और नीरज रंजन उपाध्याय, विकास चौबे सहित कुल 21 लोगों को तलब किया है।
इस मामले की पृष्ठभूमि पर गौर करें तो, मुकदमा वादी मनोज कुमार खान, जो कि जनपद सोनभद्र में निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं, द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर थाना चोपन में दिनांक 25.08.2023 को मु0अ0स0 180/2023 धारा 419, 420 भादवि बनाम 18 वाहनों के चालकों, स्वामियों, कंपनियों, ट्रांसपोर्टरों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज किया गया था।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि इस मामले की विवेचना स्वयं वाद दाखिल करने वाले प्रभारी निरीक्षक द्वारा ही की जा रही है, जो कि न्यायसंगत प्रतीत नहीं होता है। भारतीय मीडिया फाउंडेशन का मानना है कि जिस अधिकारी ने प्राथमिकी दर्ज कराई है, उसी के द्वारा जांच किया जाना निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है।
आरोप पत्र के अनुसार, विवेचनाकर्ता ने बयान वादी, बयान गवाहान, निरीक्षण घटना स्थल और अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त गण 1- राहुल श्रीवास्तव, 2- नीरज रंजन उपाध्याय, 3- विकास चौबे सहित कुल 21 लोगों को धारा- 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति प्रेरित करना), 120-बी (आपराधिक षडयंत्र) के तहत तलब किया है।
न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सोनभद्र के आदेश पत्रक दिनांक 02.01.2025 के अनुसार, मुकदमा अपराध संख्या-180 सन् 2023, धारा 419, 420, 120बी भादवि, थाना-चोपन में आरोप पत्र संख्या-193/2023 और पूरक आरोप पत्र संख्या 193ए/2023 विवेचना के उपरांत संज्ञान लिए जाने हेतु प्रस्तुत हुए थे। न्यायालय ने आरोप पत्र, केशडायरी और अन्य पुलिस प्रपत्रों का अवलोकन करने के बाद अभियुक्त गण अब्दुल हसन, नाजीम खाँ, कासीद खाँ, उल, अफसर खॉ, तसलीम खाँ, राहुल यादव, अरविन्द, फिरोज, जाबीर खाँ, पप्पू खाँ, समीउल्लाह, क्यूम अंसारी, मो० शमीम असारी, शकर सुमन राय, भागीरथ यादव, विकास चौबे, राहुल श्रीवास्तव, नीरज रंजन उपाध्याय, हसन अंसारी व दिनेश मांझी के विरुद्ध अपराध का संज्ञान लेने के लिए पर्याप्त आधार पाया है।
अदालत ने इन सभी गैर-हाजिर अभियुक्तों को सम्मन जारी कर अगली सुनवाई की तिथि 02 जून 2025 को पेश होने का आदेश दिया है।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार ने इस पूरे प्रकरण पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एक उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय मीडिया फाउंडेशन इस पूरे प्रकरण से संबंधित सभी दस्तावेजों को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली को सौंपकर उनसे भी उच्च स्तरीय जांच कराने का अनुरोध करेगा ताकि सच्चाई सामने आ सके और यदि कोई पत्रकार वास्तव में गलत पाया जाता है तो कानून अपना काम करे, लेकिन किसी भी निर्दोष पत्रकार को फंसाया न जाए।
इस घटनाक्रम ने मीडिया जगत में चिंता की लहर पैदा कर दी है, खासकर उन पत्रकारों के बीच जो जमीनी स्तर पर जोखिम उठाकर खबरें एकत्र करते हैं। भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने इस मामले में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने की अपील की है ताकि न्याय सुनिश्चित हो सके। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस मामले में आगे क्या मोड़ आता है और जांच एजेंसियां किस प्रकार से सच्चाई को सामने लाती हैं।