षष्ठी पूजा के साथ माता के दर्शन के लिए खुले पट श्रद्धालुओं और भक्तों की उमड़ने लगी भीड़



सिंदरी ,धनबाद। सिंदरी की ऐतिहासिक चैती (वासंतिक) दुर्गा पूजा सेंट्रल मैदान में गुरुवार संध्या षष्ठी से कला बहू (गणेश भगवान की पत्नी)की पूजा के साथ आरंभ हो गई है। इसके साथ ही पंडाल के पट सभी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
कार्यक्रम की रूपरेखा
1)शुक्रवार 10: 25 से महा सप्तमी पूजा, एवं पुष्पांजलि संध्या 1:00 बजे, आरती संध्या 7:00
2) शनिवार महा अष्टमी पूजा प्रातः 6:30 बजे एवं पुष्पांजलि संध्या 10:15 बजे , आरती संध्या 7:00 बजे
3) रविवार महा नवमी पूजा प्रातः 6:25,पुष्पांजलि 10:00 बजे,हवन 11:15 बजे एवं आरती संध्या 7:00 बजे
4) सोमवार महा दशमी पूजा समय प्रातः 7:00 बजे पुष्पांजलि प्रातः 8:30 बजे एवं विसर्जन सुबह 9: 36बजे
बंगाल पुरुलिया से पधारे पंडित आनंद रंजन चटर्जी एवं सिंदरी से परोहित अनूप मुखर्जी के सहयोग से विधिपूर्वक पूजा अर्चना की जाएगी।
आयोजन कर्ताओं ने बताया कि इस बार की मूर्ति का सहयोग रामदेव पांडेय द्वारा किया गया है। माहा सप्तमी के दिन वर्तमान विधायक चंद्र देव महतो ,पूर्व विधायक पत्नी सह भाजपा नेत्री श्रीमती तारा देवी, सिंदरी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अभिषेक कुमार सत्यम, धनबाद ग्रामीण जिला अध्यक्ष घनश्याम ग्रोवर, जगदीप अग्रवाल बलियापुर, गिरधारी लाल अग्रवाल बलियापुर और सिंदरी के स्थानीय नागरिक संध्या की पूजा में उपस्थित रहेंगे।
सेंट्रल चैती दुर्गा पूजा का इतिहास
मूर्ति स्थापित कर चैती दुर्गा पूजा बीते वर्ष 1980 से मनाई जा रही है। जिसे स्वर्गीय रामदेव सिंह द्वारा प्रारंभ की गई थी, उपरांत उनके पुत्र विजय सिंह द्वारा जारी रखा गया है। किसी कारणवश 2020 से 5 वर्षों तक पूजा का आयोजन नहीं हो सका। 5 साल के उपरांत विजय सिंह के संरक्षण में अजय सिंह, सतीश चंद्र और सिद्धार्थ के नेतृत्व में 2025 से पुन: पूजा आरंभ की गई। इसमें समाज के सभी वर्गों का पूर्ण रूप से सहयोग मिला।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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