शिवा डांस इंस्टीट्यूट के 21वें वार्षिकोत्सव में बेटियों ने दिखाया हुनर

नोएडा। शिवा डांस इंस्टीट्यूट ने सेक्टर 62 स्थित गोविंद प्रसाद झुनझुनावाला मेमोरियल हाल में अपना 21वां वार्षिकोत्सव बड़े हर्षोंल्लास के साथ मनाया। समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक ‘भारत गौरव’ डॉ. जितेन्द्र बच्चन रहे। उन्होंने इंस्टीट्यूट की निदेशक मशहूर नृत्यांगना सोनिका श्रीवास्तव व अन्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
रविवार, 30 मार्च को आयोजित भव्य कार्यक्रम में मेमोरियल हाल गीत-संगीत और नृत्य से प्रेम करने वालों से खचाखचा भरा रहा। बच्चन ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भरतनाट्यम, भारत का एक शास्त्रीय नृत्य है। यह नृत्य, भावनाओं को दिखाने और कहानियां सुनाने का एक अनोखा तरीका है। भरतनाट्यम शब्द का अर्थ है ऐसा नृत्य जो भाव, राग और ताल को व्यक्त करता है। उन्होंने शक्ति व साधना के पवित्र अवसर पर सभी को नवरात्रि और नव संवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए उनका उत्साह बढ़ाया।
वार्षिकोत्सव में इंस्टीट्यूट से जुड़ी बालिकाओं ने अपने हुनर का शानदार प्रदर्शन किया। एक छोटी सी बच्ची सोनिया की थीम पर शुरू हुई कहानी करीब दो घंटे तक चली। बेहद खूबसूरती से यह बताया गया एक लड़की का अपना सपना क्या होता है, माता-पिता खुद के सपनों को बच्चों में कैसे पूरा करने के ख्वाब देखते हैं और आधुनिकता की होड़ में बच्चे कभी-कभी माता-पिता को किस तरह वृद्धाश्रम पहुंचा देते हैं। लेकिन जब उन्हें गलती का अहसास होता है और मां-बाप भी बेटी का साथ देते हुए उसे प्रोत्साहित करते हैं तो वही बेटी नृत्य के माध्यम से देश-विदेश में अपना नाम रोशन करती है। अपनी-अपनी बेटियों का हुनर देखकर अभिभावकों की आंखें चमक उठीं। उन्होंने उनकी तारीफ में जमकर तालियां बजाईं।
शिवा डांस इंस्टीट्यूट की निदेशक सोनिका श्रीवास्तव ने भी मंच पर प्रस्तुति देकर सभी को रोमांचित कर दिया। वह अपनी भाव-भंगिमाओं के माध्यम से यह बताने में सफल रहीं कि भरतनाट्यम को भारत के कई अन्य शास्त्रीय नृत्यों की जननी माना जाता है। सोनिका श्रीवास्तव ने ‘राष्ट्रीय जनमोर्चा’ को बताया कि इस बार का वार्षिकोत्सव प्रोफेशन को लेकर ही था। लोग पढ़ाई को बहुत महत्व देते हैं लेकिन बच्चों को चाहिए कि पढ़ाई के साथ-साथ कुछ एक्सट्रा हुनर भी सीखना चाहिए। क्योंकि जब हम कुछ अलग करते हैं तो कुछ अलग दिखते भी हैं। इसलिए बहुत जरूरी है कि जीवन में हम कुछ अलग से सीखें और बेहतर करें।
सोनिका श्रीवास्तव स्वयं एक कथक नृत्यांगना हैं। उन्होंने बताया कि इस बार के एनुअल फंक्शन डांस के लिए हमने एक छोटी-सी कहानी पर बच्चों को नृत्य की प्रस्तुति देने के लिए तैयार कराया था। कहानी के हिसाब से घरवाले बच्ची से कहते हैं कि उसे डांस नहीं सीखना है, उसको डॉक्टर बनना है। लेकिन बेटी डांस में अपना बेहतरीन कैरियर बनाकर उन्हें बता देती है कि उसका हुनर दुनिया में किसी से कम नहीं है।
सोनिया श्रीवास्तव बताती हैं कि भरतनाट्यम में नवरसा या नौ भावनाओं को दिखाया जाता है और ये भावनाएं हैं- प्रेम, हंसी, करुणा, क्रोध, साहस, भय, घृणा, आश्चर्य व शांति। इनमें मुद्राओं यानी हाथ के इशारों, चेहरे के भावों और फ़ुटवर्क का खास इस्तेमाल होता है। भरतनाट्यम में जो वेशभूषा तैयार की जाती है और आभूषण पहने जाते हैं, उसका भी अपना एक मतलब होता है। मंच का संचालन जानी-मानी एंकर, सिंगर एवं अदाकारा हेमा सक्सेना ने किया। फिर उन्होंने ही बड़ी खूबसूरती के साथ एक गीत गुनगुनाकर कार्यक्रम का समापन कर दिया। इस अवसर पर श्याम श्रीवात्सव, ज्योति आदि उपस्थित रहे।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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