चैत्र माह चल रहा है. सुबह -सुबह खाली पेट चाय पीने की जगह 10-20 दिन नीम की कच्ची कोंपल खाइये.

चैत्र माह चल रहा है. सुबह -सुबह खाली पेट चाय पीने की जगह 10-20 दिन नीम की कच्ची कोंपल खाइये.

इससे बढ़िया रक्त शोधक औषधि पूरी दुनियाँ में नहीं है.

सन 2010 -11 के लगभग मुझे एलर्जी हुई, जिसमें पूरे शरीर में छोटी – छोटी गांठे बनती और वो बड़ी गाँठ का रूप ले लेती. मैंने राजस्थान के अच्छे डॉक्टरों की दवाई ली, फिर भी कोई आराम नहीं हुआ.

SMS हॉस्पिटल में जाँच करवाई,उससे भी कुछ पता नहीं चल पाया. एक वैध से दवा ली, जिसके परहेज ऐसे थे की एक महीने में मेरा वजन 10-12 किलो कम हो गया.

मैंने 6-7 साल हर तरह का प्रयास किया लेकिन मुझे फायदा नहीं हुआ. मैं भयंकर रूप से परेशान हो गया.

एलोपैथी, होम्योपैथी, देशी दवा जैसे सारे इलाज लिए लेकिन मुझे निराशा हाथ लगी.

2017 में मैंने चैत्र में सुबह – सुबह खाली पेट नीम की कच्ची कोंपल खायी,लगातार 1 महीने तक. मुझे उससे 90 फीसदी फायदा हुआ. उसके बाद 3 साल के अंदर मेरी बीमारी बिल्कुल ठीक हो गई. तब से लेकर अब तक मैं बिल्कुल ठीक हूँ.

नीम की कोंपल खाने के बाद आज तक मुझे किसी प्रकार का वायरल बुखार नहीं हुआ है, इसलिए मैं सभी को चैत्र माह में नीम की कोंपल खाने के लिए कहता हूँ.

नीम की कोंपल खाने के एक घंटे तक पानी के अलावा कुछ भी ना खाये – पीयें.

मुझे इससे बहुत फायदा हुआ है इसलिए मैं अपना अनुभव शेयर कर रहा हूँ.
साभार

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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