देश के सभी पत्रकार और मीडिया अधिकारियों को प्रकरण को गंभीरता से लेना चाहिए संज्ञान में

शहीद पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई के पूरे प्रकरण की दैनिक भास्कर ने की ग्राउंड रिपोर्टिंग।
देश के सभी पत्रकार और मीडिया अधिकारियों को प्रकरण को गंभीरता से लेना चाहिए संज्ञान में
सीतापुर में एक चर्चा यह भी है कि सरकार की तरफ से 20 लाख रुपए की मदद का ऐलान होने वाला था। लेकिन, जिले के ही एक बड़े अधिकारी ने ऐसा नहीं करने को कहा। अब सवाल है कि आखिर सरकार की तरफ से मदद क्यों नहीं की गई? पुलिस इस मामले का खुलासा करने में इतनी देर क्यों कर रही है?

एके बिंदुसार
संस्थापक
भारतीय मीडिया फाउंडेशन
नई दिल्ली।

आइए अब हम देखते हैं दैनिक भास्कर की ग्राउंड रिपोर्टिंग।

सीतापुर पत्रकार हत्याकांड-
महिला से 1 महीने में 40 बार बात:पत्नी बोलीं- मेरे सामने हत्यारों को गोली मारी जाए; 30 लोग हिरासत में।

सीतापुर में 8 मार्च को दिनदहाड़े पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की हत्या कर दी गई। यह हत्या लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे पर हुई। बदमाश पत्रकार का पीछा करते हुए सीसीटीवी में कैद हुए हैं। पुलिस की कई टीमें उनकी गिरफ्तारी में लगी हैं। एसटीएफ भी लगी है, लेकिन अब तक हत्यारे पकड़ में नहीं आए हैं। 30 अन्य लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पत्रकार की आखिरी कॉल में जिले के एक तहसीलदार से बात हुई थी।

अब तक इस हत्याकांड में तीन एंगल सामने आ चुके हैं।
पहला- लेखपालों के खिलाफ खबर लिखना,
दूसरा- ईंट-भट्ठे के खिलाफ हाल ही में खबर प्रकाशित करना। तीसरा- शादीशुदा महिला से अफेयर।
इसमें महिला और उसके परिवार के सदस्य हिरासत में लिए गए हैं।

जब दैनिक भास्कर की टीम इस पूरे मामले को समझने सीतापुर में राघवेंद्र के घर पहुंची। यहां पत्रकार की पत्नी, माता-पिता और बच्चों से बात की। पुराने विवादों को समझा। उन खबरों को भी देखा, जिसकी वजह से राघवेंद्र की हत्या के तार जोड़े जा रहे हैं। उन पुलिस अधिकारियों से बात की, जो इस मामले की जांच कर रहे और अब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं।

जानिए हत्या पर परिवार ने क्या कहा? पुलिस की जांच कहां तक पहुंची?

पत्नी बोलीं- हत्यारों के अपने सामने मरते देखना चाहती हूं सीतापुर से करीब 25 किलोमीटर दूर महोली कस्बा है। तहसील होने के चलते यहां हर प्रमुख अखबारों के पत्रकार नियुक्त हैं। राघवेंद्र वाजपेयी भी एक राष्ट्रीय अखबार के लिए यहां से रिपोर्टिंग करते थे। जब टीम कस्बा चौकी से होते हुए राघवेंद्र के घर पर पहुंची। तमाम पत्रकार मौके पर परिवार को सांत्वना देने पहुंचे थे। राघवेंद्र के बीमार पिता एक कोने में खड़े होकर हर आने-जाने वालों को देख रहे थे। वह कहते हैं- हमें कुछ नहीं पता कि कैसे यह सब हो गया? इसके बाद वह भावुक हो जाते हैं और एक भी शब्द नहीं बोल पाते।

इसके बाद दैनिक भास्कर की टीम घर के अंदर पहुंची। वहां राघवेंद्र की पत्नी रश्मि मिलीं। 4 दिन से रोते-रोते उनकी आंखों के आंसू सूख गए हैं। हमने पूछा, शनिवार को जब वह जा रहे थे, तो क्या कुछ बताया था?
रश्मि कहती हैं, हमको कुछ नहीं बताया था। एक फोन आया और चले गए। हमने इसलिए भी नहीं पूछा, क्योंकि वह अक्सर आते-जाते रहते थे।

दैनिक भास्कर की टीम ने रश्मि से पूछा- वह अक्सर लेखपाल और धान मंडियों के बारे में लिखते थे। कभी आपने मना नहीं किया? वह कहती हैं- हमने कई बार मना किया, लेकिन वह कहते थे कि हम डरपोक हैं क्या? किसी से डरते नहीं, जीवन में एक बार ही जाना है, फिर क्यों किसी से डरना। उन्हें कई बार घूस देने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कभी पैसा नहीं लिया। हमेशा सच्चाई की लड़ाई लड़ी है।

दैनिक भास्कर की टीम ने रश्मि से कहा- आपके पति चले गए। अब आप क्या चाहती हैं? वह कहती हैं- जैसे हमारे आदमी को मारा गया, वैसे ही मैं अपनी आंखों के सामने उन लोगों को मरते हुए देखना चाहती हूं। हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं, पिता बीमार हैं। हम कहां जाएंगे? हमारा तो कोई सहारा नहीं बचा।
दो भाइयों की मौत पहले हो चुकी है पत्नी के बाद हमने राघवेंद्र की मां किरन से बात की। उनका तो मानो पूरा संसार ही उजड़ गया। उनके 3 बेटे थे, दो की मौत पहले हो चुकी है। अब तीसरे बेटे की मौत के बाद उनका कुछ रहा ही नहीं। किरन कहती हैं- इसी बेटे के सहारे जीवन था, अब कैसे जीवन पार करेंगे। कोई सहारा ही नहीं है। हमने बेटे को मिली धमकियों के बारे में पूछा, तो वह कहती हैं- हमें इस बारे में कुछ नहीं पता है। वह हमें कुछ भी नहीं बताता था।

जब दैनिक भास्कर की टीम ने पूछा कि उस दिन वह तहसीलदार से मिलने जा रहे थे, क्या वजह थी? वह कहती हैं- वह तो पत्रकार था। उसका तो काम ही मिलने-जुलने का था। हम बस यही चाहते हैं कि जिन्होंने मेरे बेटे को मारा, उन्हें फांसी हो ताकि उसकी आत्मा को शांति मिल जाए।

लेखपालों से हो रही है पूछताछ पुलिस ने इस हत्याकांड में महोली तहसील के लेखपाल संघ के अध्यक्ष अनीश द्विवेदी, लेखपाल राम सिंह राणा, प्रतीक गुप्ता और डीपी सिंह को भी हिरासत में लिया है। राघवेंद्र अक्सर लेखपालों के भ्रष्टाचार के खिलाफ लिखते थे। उन्होंने धान खरीद में घोटाले को लेकर भी कई रिपोर्ट छापी, जिसके बाद कुछ लेखपालों पर कार्रवाई भी हुई। इससे कुछ लेखपाल खुन्नस खाए थे।

लेखपालों के भ्रष्टाचार की जानकारी राघवेंद्र को अनीश द्विवेदी देते थे। हमारे पास दोनों के बीच की कई कॉल रिकॉर्डिंग है। अनीश हर लेखपाल के कामों की जानकारी रखते थे। किस लेखपाल ने कहां घोटाला किया और कहां कुछ गलत कर रहा, यह सब कुछ राघवेंद्र को बताते थे। कई खबरों के लिए RTI लगाई जाती और फिर उसमें जो कुछ जवाब आता, उसे राघवेंद्र छापते थे। कुछ लेखपाल खुद के भ्रष्टाचार को न छापने के लिए भी मिन्नतें कर रहे थे।

बात करते-करते रो पड़े राघवेंद्र वाजपेयी के पिता।
दैनिक भास्कर की टीम और नजदीक से सच्चाई को जानने का जब प्रयास किया तो कुछ मामले और खुले हत्या के पीछे अफेयर के एंगल पर भी जांच महोली कस्बे में इस हत्याकांड को लेकर अलग-अलग चर्चा है। एक चर्चा अफेयर की भी है। कहा जा रहा है कि इलाके ही की एक विशेष वर्ग की महिला से राघवेंद्र का अफेयर था। उसकी शादी लखीमपुर खीरी जिले में हुई थी। शादी के बाद भी दोनों में बातचीत और मुलाकात होती रही। पिछले महीने राघवेंद्र ने उस महिला से उसके ससुराल में मुलाकात की थी। जहां महिला के ही संबंधियों ने देख लिया था। पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है।

पुलिस ने दोनों की कॉल डिटेल निकाली है। दोनों के बीच पिछले एक महीने में 40 से ज्यादा बार बात हुई। इसकी कुछ रिकॉर्डिंग पुलिस के बड़े अफसरों के पास मौजूद है। पुलिस इसी आधार पर उस महिला, उसके पति, भाई और भांजे को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

30 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही हिरासत में लिए गए लोगों की कुल संख्या 30 के करीब है। इनमें इस महिला से जुड़े लोग तो हैं, साथ ही कुछ लेखपाल और कुछ राघवेंद्र से जुड़े वे लोग भी हैं, जिनसे पिछले दिनों उनका विवाद हुआ था। इस हत्याकांड में 2 भाई भी हिरासत में लिए गए हैं, जो अपराध की दुनिया में तेजी से निकलकर सामने आए हैं।

सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड के 4 दिन बीत चुके हैं। हर दिन बड़ी संख्या में पत्रकार एवं पत्रकार राघवेंद्र के घर पर पहुंच रहे हैं। हर जिले में पत्रकार एवं मीडिया संगठन पत्रकार राघवेंद्र के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन सरकार की तरफ से अब तक किसी भी तरह की मदद का ऐलान नहीं किया गया है। कुछ पत्रकार डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से मिले। उन्होंने मदद का आश्वासन दिया, लेकिन मदद का ऐलान नहीं किया गया। स्थानीय सपा सांसद आनंद भदौरिया ने लोकसभा में राघवेंद्र के परिवार को न्याय और सरकारी मदद देने की मांग की।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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