महाकुम्भ में बना एक और महारिकॉर्ड, विविधता और एकता का दिया महासंदेश

महाकुम्भ में बना एक और महारिकॉर्ड, विविधता और एकता का दिया महासंदेश

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अधिकारियों की उपस्थिति में विश्व की सबसे लंबी हैंड प्रिंटिंग पेंटिंग बनाने का किया गया अभूतपूर्व प्रयास

मेला क्षेत्र के सेक्टर-1 स्थित गंगा पंडाल में 80 गुणा 5 फीट की वॉल पर अंकित हुआ समुद्र मंथन का दृश्य

सुबह 10 से शाम 6 बजे तक 10 हजार लोगों ने एक साथ आकर जन सहभागिता व सामाजिक समरसता के महारिकॉर्ड को किया साकार

*शकुम्भ 2019 के पिछले रिकॉर्ड में 7660 वॉलेंटियर्स ने लिया था हिस्सा, इस बार नए रिकॉर्ड की तीन दिन के अंदर होगी पुष्टि

महाकुम्भनगर, महाकुम्भ-2025 अपनी दिव्यता, भव्यता, आध्यात्मिक अनुभूति और पुण्य-कल्याण की भावना के साथ ही वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लिहाज से भी इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ने जा रहा है। मंगलवार को प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर मेला क्षेत्र के सेक्टर-1 स्थित गंगा पंडाल में 80 गुणा 5 फीट की वॉल पर सबसे लंबी हैंड प्रिंटिंग पेंटिंग बनाने के प्रयास को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक 10 हजार से अधिक लोगों ने साथ आकर विविधता में एकता, जनसहभागिता, सामाजिक समरसता और एकात्मता की भावना को आत्मसात कर महाकुम्भ की सच्ची भावना को प्रदर्शित किया।
यह प्रयास गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ और तीन दिन के भीतर ही इस महारिकॉर्ड के वर्ल्ड रिकॉर्ड के तौर पर दर्ज होने की प्रक्रिया को भी पूर्ण कर लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कुम्भ-2019 में इसी श्रेणी में 7,660 लोगों ने साथ आकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था और इस बार का प्रयास उस वर्ल्ड रिकॉर्ड को पीछे छोड़कर नए प्रतिमान स्थापित करने की दिशा में सार्थक कदम सिद्ध होगा।
विश्व की सबसे लंबी (लार्जेस्ट) हैंड प्रिंट पेंटिंग बनाने का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड, महाकुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर -1 में गंगा पंडाल में सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक अनवरत चला। इसके अंतर्गत 80 गुणा 5 फीट की वॉल पर विभिन्न दृष्यों को साकार किया गया जिसमें समुद्र मंथन का दृश्य मुख्य है। कार्यक्रम में प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से कार्यक्रम के नोडल अधिकारी ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट राजापल्ली जगत साईं उपस्थित रहे। वहीं, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की ओर से जज ऋषि नाथ अपनी टीम के साथ लंदन से आए थे जिन्होंने अटेंप्ट के हर एक पहलु की सघन विवेचना की। कार्यक्रम में ऑब्जर्वेशन व ऑडिट का कार्य नीरज प्रकाश एंड एसोसिएट नाम की चार्टेड अकाउंटेंट फर्म द्वारा किया गया। वहीं, कार्यक्रम का संचालन केमीस् कनेक्ट नामक संस्था की ओर से निश्छल बारोट द्वारा किया गया।
राजापल्ली जगत साईं के अनुसार, ये प्रयास महाकुम्भ को ट्रिब्यूट देने और विश्व में महाकुम्भ से जन सहभागिता और सामाजिक समरसता का संदेश देने के लिए किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में इको फ्रेंडली रंगों का प्रयोग हो रहा है। उनके अनुसार, इस रिकॉर्ड को फिर से बनाने के लिए आठ घंटे के भीतर सबसे ज़्यादा प्रतिभागियों ने शिरकत की, जिन्होंने हाथ के निशान वाली पेंटिंग में योगदान दिया। यह रिकॉर्ड महाकुम्भ 2025 के सौंदर्यीकरण की भावना को भी उजागर करता है। यह रिकॉर्ड उपस्थित लोगों की विविधता और एकता को भी प्रदर्शित करता है, क्योंकि प्रत्येक हाथ का निशान सामूहिक कलाकृति में एक व्यक्ति की अनूठी उपस्थिति और योगदान का प्रतीक है, जो महाकुम्भ की एकजुटता की भावना को दर्शाता है। महाकुम्भ 2025 के लिए यह रिकॉर्ड 10,000 प्रतिभागियों के साथ बनाने का प्रयास किया गया। उल्लेखनीय है कि महाकुम्भ 2025 में इससे पूर्व 300 से अधिक सफाईकर्मियों द्वारा गंगा के विभिन्न घाटों तथा 15 हजार से अधिक सफाईकर्मियों द्वारा मेला क्षेत्र के 4 से अधिक जोन में एकसाथ सफाई प्रक्रिया को पूरा कर वैश्विक कीर्तिमान बनाने की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। इन दोनों ही प्रयासों से स्वच्छ महाकुम्भ की भावना को वैश्विक रूप से साकार करने की कोशिश की गई है।
राम आसरे

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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