
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित चंद्रशेखर द्विवेदी उम्र 100 वर्ष का आज हुआ निधन आज उनका पार्थिव शरीर हुआ पंचतत्व में विलीन
हजारों लोगों ने किया स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का किया अंतिम दर्शन
कैप्टन राज द्विवेदी रीवा मध्य प्रदेश से रिपोर्ट
गृह ग्राम पहिलपार जिला रीवा मध्य प्रदेश में हुआ अंतिम संस्कार
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं वरिष्ठ समाजसेवी श्री पंडित चंद्रशेखर प्रसाद द्विवेदी उम्र 100 वर्ष का उनके गृह निवास ग्राम पहिलपार रीवा मध्य प्रदेश में आज दिनांक 25 फरवरी 2025 दिन मंगलवार एकादशी के दिन 1:15 रात में निधन हो गया आपका जन्म 1 अगस्त 1926 को मध्यम वर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था! आप बचपन से ही बड़ी कुशाग्र बुद्धि के थे !
आप रीवा दरबार कॉलेज 1945 में ग्रेजुएशन किया और भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी से प्रेरित होकर विद्यार्थी जीवन में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलन किए थे !
सबसे प्रमुख आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन 1942 था जहां आप अपने समस्त विद्यार्थियों को गांधी जी से प्रेरित होकर प्रयागराज जाकर आंदोलन में हिस्सा लिया था !
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात आपको गजेटेड अफसर बनने के लिए कई बार परवाना आया था लेकिन आपने नौकरी नहीं किया और समाज सेवा में अपना पूरा जीवन व्यतीत कर दिया !
आप जैसे महापुरुष से प्रेरणा लेकर आपके चार बच्चे देशभक्ति का जज्बा और जुनून लेकर भारतीय सेनाऔर पुलिस में अपनी पूरी जवानी देते हुए राष्ट्र की सेवा किया है! कैप्टन राज द्विवेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सैनिक संघ ने जानकारी देते हुए कहा कि मेरे पिता स्वर्गीय श्री पंडित चंद्रशेखर द्विवेदी देश और राष्ट्रहित की सोच रखते थे और अनुशासन का पालन करते थे ! अपने संपूर्ण भारत का दर्शन किया है और आपका जीवन बहुत ही संयमित रहा है !
कैप्टन राज द्विवेदी ने अपने पिताजी के बारे में आगे बताया कि आपने एक बार कहा था कि कलयुग में 100 वर्ष मनुष्य को जिंदा होना चाहिए और उन्होंने यह करके समाज को दिखा दिया है कि संयमित और अनुशासन जीवन से ही मनुष्य आगे इतनी लंबी उम्र में जी कर अपने वतन और समाज की सेवा कर सकता है! इसलिए अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए!