सब्जियों, तेल, सहित दालें भी हुईं महंगी, आगे भी राहत के नहीं कोई आसार, कुछ बोलो सरकार मचा है हाहाकार, अर्थव्यवस्था का बंटाधार, जनता पर महंगाई की मार

**देश बदल गया! कहावत बदल गई घर की दाल हुई मुर्गे बराबर, प्याज़ ना खाने की बात बोलने वाली वित्त मंत्री जी देश की जीडीपी खा गई, दाल में ज़्यादा पानी मिलाएँ वाले राम कृष्ण यादव उर्फ राम देव बताएँ अब क्या खाएँ! पानी, नसल कोई भी हो कुत्ते की उसे खिलाएँ क्या! नेताओं के प्रधान
सब्जियों की आसमान छूती महंगाई से परेशान उपभोक्ताओं को अब दाल के लिए अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी होगी, क्योंकि बीते एक महीने में प्रमुख दलहनों के दाम में 500 रुपये प्रतिक्विंटल का इजाफा हो गया है।
सब्जियों की आसमान छूती महंगाई से परेशान उपभोक्ताओं को अब दाल के लिए अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी होगी, क्योंकि बीते एक महीने में प्रमुख दलहनों के दाम में 500 रुपये प्रतिक्विंटल का इजाफा हो गया है। आगे त्योहारी सीजन में दालों की मांग के मुकाबले आपूर्ति का टोटा बने रहने की आशंका बनी हुई है, जिससे महंगाई और बढ़ सकती है।
दाल कारोबारी बताते हैं कि घरेलू उत्पादन बीते दो साल में खपत के मुकाबले कम रहा है, जबकि आयात के जो कोटे तय किए गए हैं। उसके लिए भी लाइसेंस जारी करने में देर होने की वजह से कीमतों में वृद्धि हुई है। कारोबारी और दलहन बाजार विशेषज्ञ चालू खरीफ सीजन की दलहन फसलों पर मौसम की मार से फसल खराब होने की भी आशंका जता रहे हैं।
देश की प्रमुख दलहन मंडियों में बर्मा से आयातित एफएक्यू उड़द का भाव बीते महीने एक जुलाई को जहां 5,700 रुपये प्रतिक्विंटल था, वहीं अब 6,200 रुपये प्रतिक्विंटल हो गया है। इसी प्रकार, तुअर का भाव 4,700 रुपये से बढ़कर 5,300 रुपये प्रतिक्विंटल हो गया है। मूंग का दाम 5,500 रुपये से बढ़कर 6,300 रुपये प्रतिक्विंटल हो गया है। चने का भाव बीते सप्ताह 4,800 रुपये प्रतिक्विंटल हो गया था, जो एक जुलाई को 4,300 रुपये प्रतिक्विंटल था।
अगर प्रसंस्कृत दाल की बात करें तो तुअर दाल खुदरा बाजार में 100-120 रुपये प्रतिकिलो, उड़द दाल 120-130 रुपये प्रतिकिलो, मूंग दाल 130 रुपये किलो मिल रही है। दलहनों के दाम में बीते एक महीने में तेजी आने के बाद आने वाले दिनों में दालों के दाम में और इजाफा होने की संभावना बनी हुई है।