
अखिल भारतीय लोधी राजपूत कल्याण महासभा उलझ गई!!
जी सही पढ़ रहें है….!!एटा जनपद के आई.टी.आई ग्राउंड पर बने भव्य पंडाल में महासभा में शामिल होने आये कई जिलों के पूर्व वर्तमान सांसद विधायकों के वक्ताओ को अगर ध्यान से सुने तो समझ में आ जाएगा कि मंच अपने उद्देश्य से भटक गया है।
महासभा के मंच पर कई बड़े नेताओं ने महासभा के साथ बीजेपी को बुरा न लगे इसलिए जय श्री राम के नारों को भी स्थान दिया। जनपद हमीरपुर से आये पूर्व सांसद गंगा चरण राजपूत ने जय लोधेश्वर के नारे भी लगाए।लगभग सभी नेताओ के वक्तव में बीजेपी के साथ है साथ रहेंगे, बीजेपी में मरेंगे के नारों को जोर दिया गया।
मंच पर मौजूद महासभा के सरक्षक पूर्व सांसद राजवीर सिंह राजू भईया को सुनने दूर-दराज के गाँव-देहात से लोधी समाज के साथ अन्य जातियों की जनता भी कुछ खास सुनने आई थी.लेकिन पूरी महासभा का मंच कुछ चंद शब्दों में उलझ कर रह गया।विरोध से वक्तव निकल ही नहीं पाया।
महासभा की शुरुआत मारहरा विधायक बीरेंद्र लोधी ने 60 साल बनाम 8 साल से की, उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से सदर विधायक विपिन कुमार डेविड की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आपके परिवार ने एटा की सियासत में 60 साल तक शासन किया है. ओर खुद वीरेंद्र लोधी ने करीब 8 साल ही सत्ता में रहें है लेकिन 60 साल की अपेक्षा विधायक वीरेंद्र लोधी का मानना है कि 8 साल में काफ़ी काम एटा में हुआ है।
प्रदेश के शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने भी जय श्री राम के नारे से अपनी बात की शुरुआत की, उन्होंने कहा कि स्व बाबू जी कल्याण सिंह का सपना था कि एक संघठन अपना हो, जिसे अब बना लिया गया है ओर न्याय की लड़ाई लड़ी जाएगी. मंत्री ने कई बार मंच से समाज को एक जुट होने की नसीहत भी दी। शायद यह इसलिए भी हो की उनके पिता अभी हाल ही में चुनाव लोकसभा हारे है।
सबसे अधिक समय तक वक्ता के रूप में महासभा के सरक्षक पूर्व सांसद राजवीर सिंह ने सभा को सम्बोधित किया, सिंह ने कहा कि जो समाज के ठेकेदार बने हुए है. उनसे पूछना चाहिए कि समाज के लिए उनका क्या योगदान रहा है।उन्होंने कहा कि हमारे संघठन में उनका भी स्वागत है उनके लिए भी स्थान छोड़ रखा है वो चाहे किसी भी पार्टी में क्यों न हो!! आगे कहा कि जो लोग समाज को बपौती समझते है उनके लिए ये भीड़ एक जवाब है। मंच पर आये सभी वक्ताओ ने घुमा-फिरा कर सदर विधायक एटा डेविड पर लगातार बार किये.मंच से उन्हें निमंत्रण भी दिया जा रहा था ओर आरोप भी लगाए जा रहें थे।
महासभा में आई अपार भीड़ को सरक्षक राजवीर सिंह का इंतजार करते हुए पांच घंटे तक रुकना हुआ। भीड़ को देखकर लग रहा था कि राजवीर सिंह से कुछ अलग सुनने को मिलेगा लेकिन भीड़ का सब्र भी टुटा ओर एक बार चलने को भी उठी लेकिन कार्यकर्त्ताओ द्वारा रोक लिया गया।
एटा जनपद में अभी के इतिहास में काफ़ी समय पूर्व ज़ब बाबू जी कल्याण सिंह की एक सभा रामलीला ग्राउंड के दौरान देखने को मिली थी।कल आई. टी.आई. के ग्राउंड पर जमा हुई लोधी समाज की इस विशाल भीड़ को एक मंच पर लाने में ब्लॉक प्रमुख शीतलपुर पुष्पेंद्र लोधी,मारहरा ब्लॉक प्रमुख रवि वर्मा,कार्यक्रम के अध्यक्ष महेश वर्मा, बंटी राजपूत सदस्य जिला पंचायत साथ ही मारहरा विधायक वीरेंद्र लोधी के काफ़ी दिनों के प्रयासो व लगातार क्षेत्र मे भ्रमण कर लोधी समाज को इस मंच तक लाया गया था.परन्तु उस भीड़ का 25% भी नहीं था।
महासभा का सारांश
अखिल भारतीय लोधी राजपूत कल्याण महासभा के सरक्षक राजवीर सिंह द्वारा ज़ब यह कहा जा रहा है कि हमारे दरवाजे समाज के ठेकेदारों के लिए खुले है।अगर 60 बनाम 8 साल की बात हो रही है अगर शामिल हो गए तो फिर 60 साल खत्म हो जायेगे या फिर ये लड़ाई लोधी समाज के लिए नासूर साबित होंगी!!!
पूर्व सांसद राजवीर सिंह ने मंच से अपनी हार-जीत को लेकर भी कहा कि ये तो आती-जाती है… तो क्या हारने के कारण सदर विधायक की तरफ इशार कर भविष्य में बदले का संकेत है ये महासभा,
माना यह भी जा रहा है कि बीजेपी में अपने भविष्य की चिंता को लेकर इस महासभा का गठन हुआ है।लोधी समाज के चिंतनशील व्यक्तियों का यह भी मानना है कि आगामी समय में टिकट के वितरण में भी अपने परिवार व अपने हितेसियों के लिए सीटों को बचाने के लिए महासभा पैदा हुई है.
आज से 16 वर्ष पूर्व भी स्व. कल्याण सिंह द्वारा एक पार्टी का गठन किया गया था।उसका अगर हश्र बुरा नहीं होता तो शायद महासभा के गठन की आज स्व. कल्याण सिंह के पुत्र को आवश्यकता नहीं होती। चंद लाभ के लिए पार्टी को खत्म करना और बीजेपी में शामिल होना भी आज लोधी समाज को किनारे किये हुए है।
जनपद एटा ही नहीं,अपितु!!
निश्चित रूप से यह कहना बेहद जरुरी है कि राजवीर सिंह का अपने समाज से दूर रहना और सांसद पद का लुप्त लेना ही उनका राजनीति से पलायन माना जा रहा है। यह भी कहना गलत नहीं होगा कि अगर सत्ता में राज्यसभा सदस्य बीजेपी बना देती तो शायद आज इस महासभा का उदय नहीं होता!!
फिलहाल महासभा का मंच सदर विधायक विपिन कुमार डेविड को लगातार पुकार रहा था। मंच उनकी उपलब्धि और उपस्थिति दोनों पर सवाल खड़े कर रहा था।
एटा सहित उत्तर प्रदेश के लोधी समाज गुट अब हर विधानसभा पर दो खेमो में दिखाई देगा. निश्चित रूप से बीजेपी के लिए अब श्रापित समय आने वाला है। मेरा व्यक्तिगत मानना है कि लोधी समाज को अपनी लड़ाई दो गुटों में रह कर ही लड़नी चाहिए।जिससे लोधी समाज को एक अच्छे काम करने वाले नेता मिलेंगे, इससे राजवीर सिंह व विपिन कुमार डेविड की सही पहचान होंगी।
एक है राजा राजवीर सिंह
एक है युवराज विपिन कुमार
महासभा की इस सभा में युवाओं में जोश देखने को मिलता-जुलता दिखाई दे रहा था लेकिन राजनीती के पुराने जानकारों का कहना है कि टिकट मिलना ओर जीत तक ही यह महासभा जीवनदायनी है.समय उपरान्त महासभा की भी गति बुरी न हो! पूरा लोधी समाज यही सवाल लेकर मंच से विदा हुआ…!!