
कलक्टर के अधीनस्थ अधिकारियों ने राज्य सरकार को चूना लगाना को बढ़ावा
एटा -उत्तर प्रदेश में भले ही संत सरकार हो लेकिन नाकामी में प्रशासनिक अधिकारियों में होड़ लगती नजर आ रही है, जहां समूचे प्रदेश में सराय अधिनियम में गैस्टहाऊस एवं होटल तथा धर्मशाला आदि दस रुपए कमरे के हिसाब से प्रति दिन का राज्य सरकार को कर देगे,
लेकिन एटा जिले के कलेक्टर के अधीनस्थ अधिकारियों को सराय अधिनियम को नदारत करते देखा गया है,
सराय अधिनियम में राजस्व शून्य
राज्य सरकार द्वारा लागू सराय अधिनियम लमसम दो वर्ष से अधिक होने को जा रहे है, सराय अधिनियम के तहत पंजीकृत भी नही करा सके कलेक्टर के अधीनस्थ अधिकारियों में राजस्व शून्य करने की होड़ लगी है, इधर राज्य सरकार को चूना लगाया जा रहा है,
आईटीआई सामाजिक कार्यकर्ता की सूचना के अधिकारी से संपर्क
जिला में आईटीआई सामाजिक कार्यकर्ता रवीश कुमार ने सूचना के अधिकार से सूचना प्राप्त की तो पता चला कि सराय अधिनियम में गैस्टहाऊस एवं होटल तथा धर्मशाला आदि के पंजीकृत प्रक्रिया अभी लागू नही की गई है,
धरातल पर लागू कैसे हो सराय अधिनियम
सराय अधिनियम के जाने-माने समाजसेवी महेश बताते है, कि राज्य सरकार को धरातल पर सराय अधिनियम लागू होने से जिले से अच्छा खासा राजस्व प्राप्त होगा, जानबूझकर फाइल में ही दफन कर रखा अधिनियम
कलक्टर के अधीनस्थ अधिकारियों को सराय अधिनियम दफन करने का दबाव
जिला प्रशासन के माध्यम से सराय अधिनियम लागू होने की बात राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित है, प्रेम रंजन सिंह कलेक्टर के अधीनस्थ अधिकारियों ने अधिनियम को नदारत करने के लिए होटल एवं गैस्टहाऊस माफियाओं से साठ-गांठ कर फाइल में दफन करने का कार्य किया है,
सराय अधिनियम के दायरे में OYO भी
सराय अधिनियम लागू होने के बाद तो OYO को भी कर देना पड़ेगा, इधर सराय अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश के मण्डल मेरठ में बड़ी कार्यवाही की गई है,