गणना: चंबल की बाह रेंज में घड़ियाल, मगरमच्छ की वृद्धि का बना रिकॉर्ड

गणना: चंबल की बाह रेंज में घड़ियाल, मगरमच्छ की वृद्धि का बना रिकॉर्ड, गणना के लिए चंबल नदी में उतरी थी 9 टीमें, पिछले माह से ज्यादा जलीय जीव मिलने से वन विभाग का अमला उत्साहित।
बाह। चंबल सेंक्चुअरी की बाह रेंज में साल भर में घड़ियालों के कुनबे में 213 की वृद्धि का रिकॉर्ड बना है। पिछले साल महज 9 घड़ियाल बढ़े थे। दो साल पहले 92 की बढ़ोत्तरीय हुई थी। मगरमच्छ के कुनबे में 198 की वृद्धि दर्ज हुई है। यह भी एक रिकॉर्ड है। पिछले साल 13 मगरमच्छ बढ़े थे। जबकि दो साल पहले एक मगरमच्छ कम मिला था। वर्ष 2024 में चंबल सेंक्चुअरी की बाह रेंज में मंगलवार को हुई घड़ियाल, मगरमच्छ और डॉल्फिन की गणना के नतीजे उत्साहवर्धक रहे हैं। घड़ियालों की आबादी 794 से बढ़ कर 1007 हो गई है। मगरमच्छ का कुनबा 281 से बढ़ कर 479 हो गया है। जबकि डॉल्फिन की संख्या 29 से घट कर 26 रह गई है। पिछले माह 22 दिसंबर को हुई गणना में 903 घड़ियाल, 389 मगरमच्छ तथा 22 डॉल्फिन मिली थी। राजस्थान से सटे रेहा से लेकर इटावा से लगे उदयपुर खुर्द तक वन विभाग की 9 टीमें घड़ियाल, मगरमच्छ और डॉल्फिन की गणना के लिए चंबल नदी में उतरी थी। बाह के रेंजर उदय प्रताप सिंह ने बताया कि वन विभाग की 9 टीमों ने रेहा से महेवा मंदिर, महेवा मंदिर से पिनाहट, पिनाहट से क्योरी, क्योरी से जेबरा, जेबरा से कैंजरा, कैंजरा से गुढ़ा, गुढ़ा से नंदगवां, नंदगवां से हथकांत, हथकांत से उदयपुर खुर्द तक मोटरबोट और पैदल चल कर जलीय जीवों की गिनती का काम किया था। गणना के दौरान कोई भी जलीय जीव अस्वस्थ नहीं मिला। गिनती के दौरान पिछले साल के मुकाबले इस साल 213 घड़ियाल ज्यादा मिले हैं। जबकि 198 मगरमच्छ अधिक मिले हैं। जिससे वन विभाग का अमला उत्साहित है। जबकि 26 डॉल्फिन कम मिली हैं। रेंजर ने बताया कि डॉल्फिन कम मिलने की बजह की समीक्षा की जाएगी।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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