घोर तप के बाद बनीं महामंडलेश्वर, नहीं करूंगी ग्लैमर वर्ल्ड में वापसी. से ममता कुलकर्णी ने क्या-क्या कहा?

घोर तप के बाद बनीं महामंडलेश्वर, नहीं करूंगी ग्लैमर वर्ल्ड में वापसी. TV9 से ममता कुलकर्णी ने क्या-क्या कहा?90 के दशक की ग्लैमरस एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने करीब 22 साल बाद फिर से वापसी की है, लेकिन इस बार उनका स्वरूप एक साध्वी का है. लंबे वक्त तक गुमनामी की जिंदगी जीने के बाद आखिरकार ममता कुलकर्णी एक संन्यासिनी बन गईं हैं.लंबी तपस्या के बाद उन्हें महामंडलेश्वर का पद दिया गया है.

किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी से लंबी बातचीत की और इसके बाद ऐलान किया था कि वह उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि देंगी. ममता कुलकर्णी को शुक्रवार को किन्नर अखाड़े ने दीक्षा दी और पूरे विधि विधान से महामंडलेश्वर की उपाधि दी. अब ममता कुलकर्णी ग्लैमर वर्ल्ड की फेमस एक्ट्रेस से महामंडलेश्वर बन गईं हैं.

टीवी9 भारतवर्ष से खास बातचीत में ममता कुलकर्णी ने कुछ खास सवालों के जवाब दिए हैं जिन्हें हर कोई जानना चाहता है. चलिए जानते हैं सवाल और उनके जवाब;-

सवाल:- लोगों ने आपको कई किरदारों में देखा है, लेकिन अब एक साध्वी का किरदार आपने अपनाया है वो भी असल जिंदगी में, आखिर इसकी वजह क्या है?

जवाब:- मैंने 23 साल पहले ही सबकुछ छोड़ दिया था. मैंने 23 साल में तपस्या की है जिसके फलस्वरूप मुझे महामंडलेश्वर की उपाधि मिली है. जैसे एक खिलाड़ी 4 सालों तक मेहनत करता है फिर उसे ओलंपिक में मेडल मिलता है उसी तरह से मुझे मंहामंडलेश्वर का पद मिला है. यह मेरे लिए एक मेडल की तरह है जो कि मेरी तपस्या की पूर्णाहुति स्वरूप है.

सवाल:- 13 अखाड़े हैं, लेकिन आपने सिर्फ किन्नर अखाड़े को ही क्यों चुना? आप किस बात से प्रभावित हैं कि आपने किन्नर अखाड़े से ही दीक्षा ली?

जवाब:- डॉक्टर आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी का किन्नर अखाड़ा एक स्वतंत्र अखाड़ा है. इसमें कई बंधनों से मुक्ति मिलती है. मुझे बाल नहीं कटवाने पड़े, कपड़ों को लेकर कोई विशेष नियम नहीं हैं. 3 दिन से सभी जगतगुरू मेरी परीक्षा ले रहे थे, कठिन परीक्षा के बाद ही मुझे महामंडलेश्वर का पद मिला है.

सवाल:- जिस इंडस्ट्री से आप हैं वह ग्लैमरस इंडस्ट्री है, ऐसे में वो ग्लैमर छोड़कर आप साध्वी बनीं हैं. वह ग्लैमर मिस नहीं करेंगी आप?

जवाब:- वह इंडस्ट्री मैं 23 साल पहले छोड़ चुकी हूं और तभी से मैं कठिन तपस्या कर रही हूं. अब मेरा वहां जाना मुश्किल है. क्योंकि मैं अब एक स्टूडेंट हूं जो कि खुद को ढूंढ रही हूं. मैंने 3 साल तक कठिन तपस्या भी की है. जिसका फल भी मुझे मिल चुका है. अब मैं खुद को ढूंढ रहीं हूं.

सवाल:- जब से आपके महामंडलेश्वर बनने की खबरें सामने आईं हैं तभी से यह चर्चा हो रही है कि आप सुर्खियों में बने रहने के लिए ये सब कर रही हैं. क्या ये सच है?

जवाब:-विभीषण का नाम भी रावण की वजह से खराब हुआ था. हर एक का कर्म अपने ऊपर है. मैं चाहती हूं कि जिन्हें ये भ्रम है कि मुझे ऐसे ही महामंडलेश्वर का पद मिल गया है वह आएं और मुझे ध्यान, तप, शास्त्र पर चर्चा करें ताकि उनका भ्रम दूर हो.

सवाल:- आपने कितने साल तक तपस्या की है?

जवाब:- मैंने 23 साल का ब्रह्मचर्य का पालन किया है. सच को कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है. कोई भी आएं और मुझसे बात करें मैं सवालों के लिए तैयार हूं.

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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