रीवा में खाद न मिलने से किसान काफी नाराज

मध्य प्रदेश सरकार किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए तरह-तरह की योजना चल रही है लेकिन इसके बावजूद भी रीवा के किसानों को खाद के लिए दर – दर भटकना पड़ रहा है ?

रीवा में खाद न मिलने से किसान काफी नाराज

धांधली होने का भी आरोप, महिलाएं बोली रात 3:00 से लाइन में लगी हुं।

रीवा में सोमवार को भी लोग खाद लेने के लिए जूझते नजर आए। कुछ लोग अंदर से सेटिंग बना कर खाद ले रहे हैं। लेकिन लंबे इंतजार के बाद भी लाइन में लगे किसानों को खाद नहीं मिली।
शाम 4:00 बजे महिलाओं व पुरुषों द्वारा बताया गया। की जो लोग अभी आ रहे हैं वो लोग अंदर से सेटिंग बना कर खाद लेकर चले जाते हैं।

जो लोग 2,3 दिन से आकर लाइन लगे हैं उन्हें अभी तक खाद नहीं मिली। भला अब क्या करें ?

कई महिलाएं बोली मैं 2:00 बजे से लाइन में लगी हूं। मेरा नाम कल्पना सिंह हैं मै बिहरा से आई हूं आपनी छोटे – छोटे बच्चों को घर में छोड़कर आई हूं। लेकिन मुझे अभी तक खाद नहीं मिली है। गांव से सेठ लोग आते हैं ऑफिस के अंदर जा कर पर्ची कटा कर खाद लेकर चले जा रहे हैं। लेकिन अभी तक हम लोगों को खाद नहीं मिली है।

पिछली बार हम खाद लेने आए थे तो हम लोगों को धक्का मुक्का कर बाहर कर दिया था जिससे हमे चूड़ी लग गई थी । लेकिन खाद हमे तब भी नहीं मिली थी। महिला का आरोप दलालों को खाद दे रहे हैं।

खाद वितरण को लेकर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। किसानों का कहना है कि खाद वितरण में जमकर धाधली हो रही है। जो लोग अतिरिक्त पैसा देते हैं उन्हीं लोगों को खाद दी जा रही है।

सुबह से आकर लाइन में लगने के बाद भी खाद नहीं मिल रही है। हम सभी लोग काफी परेशान हो चुके हैं। 4:00 बजते ही यह लोग बोल देते हैं कि समय खत्म हो चुका है। अब आप लोगों को कल खाद मिलेगी।
हम लोग सुबह से भूखे प्यासे लाइन में लगे रहते हैं उसके बावजूद भी खाद नहीं मिलती है।

अब हम लोगों को लगने लगा है कि हम लोगों को खाद नहीं मिल पाएगी।

जनता की समस्या को देखते हुए जब इंडिया न्यूज़ के संवाददाता ने खाद देने वाले कर्मचारियों से वाइट के लिए बोला तो उन्होंने साफ मना कर दिया कि हम वाइट नहीं देंगे।
तभी प्रभारी रामजी वर्मा से फोन के माध्यम से बात की गई तो उनका कहना था कि आपको जो करना हो कर लो मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा।

तभी इंडिया न्यूज के संवाददाता आशुतोष द्विवेदी द्वारा रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल को फोन कर जानकारी देने की कोशिश की तो रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल द्वारा फोन नहीं उठाया गया।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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