
बार और बेंच की पेशेवर गरिमा बेकार दोगले राजनीतिक दलालों से बचाना जरूरी है?
बार और बेंच काम नहीं करेगी, देश वासियों को सस्ता और सर्व सुलभ न्याय कैसे मिलेगा?
बार और बेंच काम नहीं करेंगी तो देशवासियों के संवैधानिक ओर विधिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित कैसे होगी?
बार और बेंच काम नहीं करेंगी तो देश वासियों को कार्यपालिका और उसके शासन प्रशासन और पुलिस अधिकारी के भ्रष्टाचार से मुक्ति कैसे मिलेगी?
बार और बेंच सक्रिय होकर निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम नहीं करेंगी तो सरकार/ कार्यपालिका इसका फायदा उठा कर अधिकाश जुर्माने के कैस संबंधित विभाग और पुलिस को दे रही है तथा 7 साल के विचारण से दंडनीय अपराधों में सभी अधिकांश अधिकार पुलिस को देकर कमिश्नरी व्यवस्था सुनिश्चित करने के नाम पर सविधान में सुनिश्चित शक्ति पृथककरन सिद्धांत के विरुद्ध पुलिस को मजिस्ट्रेट पावर दे रही है? जिस पर समस्त बार एसोसिएशन और बार काउंसिल चुप हैं इनकी इस भ्रष्ट चुप्पी का क्या मतलब है? अज्ञानता, भ्रष्टाचार या अनुभवहीनता?
बार और बेंच को ठेकेदारों , माफिया और दलालों से मुक्त होकर देश वासियों को सस्ता और सर्व सुलभ न्याय दिलाने को पेशेवर अधिवक्ताओं के हितों और वकालत की सुरक्षा सुनिश्चित करने के रूप में जाना जाना चाहिए।
बार और बेंच काम नहीं करेगी तो सरकार इसका फायदा उठा कर अधिकाश जुर्माने के कैस संबंधित विभाग और पुलिस को दे रही है तथा 7 साल के विचारण से दंडनीय अपराधों में सभी अधिकांश अधिकार पुलिस को देकर कमिश्नर व्यवस्था सुनिश्चित कर देश में संविधानिक व्यवस्था खत्म कर तानाशाही को सुनिश्चित करने को अग्रसर है।
बार और बार काउंसिल को वक्ता प्रवक्ता और संवैधानिक और विधिक अधिकारों के प्रणेता अधिवक्ता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने के लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करना चाहिए।
बार को ठेकेदारों , माफिया और दलालों से मुक्त होकर पेशे वर अधिवक्ताओं के हितों और वकालत की सुरक्षा सुनिश्चित करने के रूप में जाना जाना चाहिए?
वकील एकता जिंदाबाद जिंदाबाद