जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी गरीब हो या धनवान सबको समानता का है अधिकार

जन अधिकार पार्टी की मीटिंग में गूंजा जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी गरीब हो या धनवान सबको समानता का है अधिकार।


वाराणसी
जन अधिकार पार्टी का चलो गांव की ओर कार्यक्रम के तहत विभिन्न विधानसभा क्षेत्र में लगातार बैठक का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

इसी कड़ी में आज अजगरा के बेला गांव में चलो गांव की ओर कार्यक्रम के तहत मीटिंग किया गया।
जिसके मुख्य वक्ता रमेश मौर्य उर्फ भांति जी मुख्य अतिथि जिला अध्यक्ष शैलेंद्र मौर्य जी साथ में गरिमा में उपस्थिति जन अधिकार पार्टी के वरिष्ठ नेता मंडल संगठन सचिव रमाशंकर सिंह मौर्य उपस्थित रहे।
जन अधिकार के सवाल पर रमाशंकर मौर्य ने ललकारते हुए कहा कि जन अधिकारों के मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई।
उन्होंने कहा कि जन अधिकार वे अधिकार हैं जो हर व्यक्ति को सिर्फ इसलिए प्राप्त होते हैं क्योंकि वे मानव हैं। ये अधिकार सरकारों या समाज द्वारा दिए गए नहीं होते हैं, बल्कि ये जन्मजात होते हैं। ये अधिकार सभी लोगों को समान रूप से प्राप्त होते हैं, चाहे उनकी जाति, धर्म, लिंग, या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो।
जन अधिकारों के कुछ उदाहरण हैं:
जीवन का अधिकार: हर व्यक्ति को जीने का अधिकार होता है।
स्वतंत्रता का अधिकार: हर व्यक्ति को सोचने, बोलने, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होती है।
समानता का अधिकार: सभी लोग कानून के समक्ष समान होते हैं।
शोषण से मुक्ति का अधिकार: किसी को भी शोषण या अत्याचार का शिकार नहीं होना चाहिए।
शिक्षा का अधिकार: हर व्यक्ति को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार होता है।
जन अधिकारों का महत्व
व्यक्तिगत विकास: जन अधिकार लोगों को अपनी पूरी क्षमता का विकास करने में मदद करते हैं।
समाज का विकास: जन अधिकार एक ऐसे समाज का निर्माण करते हैं जो न्यायपूर्ण, समान और शांतिपूर्ण हो।
मानव गरिमा: जन अधिकार हर व्यक्ति की मानव गरिमा को महत्व देते हैं।
भारत में जन अधिकार
भारतीय संविधान ने कई मौलिक अधिकारों की गारंटी दी है जो जन अधिकारों के समान हैं। इनमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता, समानता का अधिकार, और जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार शामिल हैं।
अपने उन्होंने सबको समर्थित होकर जन अधिकार पार्टी की सरकार लाने की अपील की।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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