चंदौली के पत्रकार मनमोहन कुमार को जान से मारने की धमकी देने वाला आजाद, अलीनगर पुलिस की संदिग्ध भूमिका से पत्रकारों की सुरक्षा पर संकट।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने लिया मामले को संज्ञान में कहा बड़ा आंदोलन होगा अगर अपराधियों की गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो पत्रकार आंदोलन के लिए सड़कों को उतरेंगे।
नई दिल्ली।
चंदौली के अलीनगर थाना क्षेत्र में पत्रकार मनमोहन कुमार को जान से मारने की धमकी देने और गाली-गलौज करने के आरोपी पर कार्यवाही में पुलिस की लापरवाही ने पत्रकारों की सुरक्षा और प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पत्रकार उत्पीड़न के मामले की जानकारी होने पर भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार ने कहा कि अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
घटना तीन नवंबर की है, जब एक दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार मनमोहन कुमार को बाजार जाते समय विनोद कुमार नामक व्यक्ति ने रोककर गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। पत्रकार ने घटना के एक घंटे बाद ही लिखित शिकायत अलीनगर थाने में दर्ज कराई, लेकिन इसके (तीन दिन) बीतने के बावजूद भी पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया। इस ढिलाई से नाराज पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पांच नवंबर को पुलिस अधीक्षक चंदौली से मुलाकात कर मामले की गंभीरता से अवगत कराया। पुलिस अधीक्षक ने तत्काल अलीनगर थाना प्रभारी को फोन पर आरोपी पर कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए।
वही थाना प्रभारी अलीनगर का कहना है आरोपी व्यक्ति को पकड़ने का प्रयास पुलिस कर रही है और जिसके बाद कार्यवाही भी की जाएगी थाना प्रभारी ने बताया आरोपी व्यक्ति घर पर मौजूद नहीं है । और उसे थाने बुलाया गया है । अब सवाल खड़ा हो रहा है कि पुलिस उसे कैसे बुला रही है घटना के तीन दिन बाद भी पुलिस बुलाने पर आरोपी अभी थाने तक नहीं आया।
वही छः नवंबर को आरोपी व्यक्ति के घर पर होने की सूचना पीड़ित पत्रकार ने स्वयं पुलिस अधीक्षक के सीयूजी नंबर पर दिया और साथ ही अलीनगर प्रभारी को भी दिया । जिसके कुछ ही घंटे बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें आरोपी अपने घर पर मौजूद देखा जा सकता है। लेकिन बावजूद इसके पुलिस आरोपी को पकड़ने में असमर्थ है।
यह स्थिति पत्रकारों की सुरक्षा और प्रशासन की तत्परता पर प्रश्नचिन्ह लगाती है। राज्य सरकार की ओर से पत्रकारों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के निर्देशों के बावजूद अलीनगर पुलिस का यह रवैया चिंताजनक है। इस मामले ने न केवल स्थानीय प्रशासन की भूमिका को संदिग्ध बना दिया है, बल्कि पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार और प्रशासन की प्रतिबद्धता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने अलीपुर थाना पुलिस पर सीधा पैसा लेकर अपराधी को बचाने का आरोप लगाया है।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बालकृष्ण तिवारी ने कहा कि अगर 24 घंटे के अंदर कार्रवाई नहीं होगी तो पुलिस के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे पत्रकार।