एटा,एक नई कहानी सुनाये इससे पूर्व आपको पुरानी कहानी भी सुनाये तो कुछ गड़बड़ समझ में आये। शिक्षा विभाग का वर्ष 2013 में विज्ञापन आता है जिसमे इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य के पदों की भर्ती होनी थी, भर्ती भी कि गई लेकिन प्रधानाचार्य अपनी तसरीफ( जोइनिंग )रख पाते कि हाई कोर्ट ने इस तसरीफ पर स्टे लगा दिया और निर्देश दिया कि जो जहाँ तसरीफ कर ज्वाइन हुआ है वही का वही बना रहेगा। अग्रिम आदेश तक!
*उन्ही प्रधानाचार्य में से एक ये भी है!*
हाथरस जिले से एटा जिले के लिए एक फर्जी कागज का टुकड़ा आता है कि डॉ.नीतू यादव को बतौर प्रधानाचार्य महारानी लक्ष्मी वाई इंटर कॉलेज में ज्वाइन कराया जाये।ज़ब इस जोइनिंग की जड़ में जाना हुआ तो सब कुछ उलट फेर में था. कहने का अर्थ यह है कि सब का सब फर्जी निकला। लखनऊ शिक्षा विभाग के अधिकारियो से इस बाबत जानकारी की गई तो उनका कहना है कि ज़ब कि किसी का स्थानांतरण एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय किया जाता है दोनों ही विद्यालय का अनापत्ति प्रमाणित पत्र जारी किया जाता है।लेकिन इस खेल में तारीख व फर्जी मोहरो का खेल जमकर किया गया है।
ज़ब इस सम्बन्ध में हमने डॉ नीतू यादव के अनापत्ति प्रमाण पत्र की प्रति की तलाश शुरू की तो बहुत कुछ झोल निकल कर आया था।इस पूरी जोइनिंग में इतना बड़ा झोल है कि क़ानून को लात मार कर इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करने का प्रयास किया गया है।जिस कागज पर चढ़ कर प्रधानाचार्य नीतू यादव आई है वो सभी के सभी फर्जी है. प्रवंधक नगर पालिका सुधा गुप्ता को हटा कर कंट्रोलर बनाने तक सारा खेल धन बल से किया गया है। प्रबंधक नगर पालिका को हटाने में की गई प्रक्रिया किसी भी नियम को नहीं छू रही है। इसका सीधा अर्थ है कि पूरी दाल खाली है और जिला प्रशासन को अनदेखा किया जा रहा है।
*हाई कोर्ट के आदेशानुसार डॉ नीतू यादव का स्थानांतरण एक जिले से दूसरे जिले में किसने और कैसे कर दिया।ज़ब कि नियमानुसार नहीं होना चाहिए था। पुरे प्रदेश कि स्थानांतरण लिस्ट में डॉ नीतू यादव का नाम ही नहीं है। फिर नीतू यादव एटा के इंटर कॉलेज में कैसे आई!!*
महारानी लक्ष्मीवाई इंटर कॉलेज के प्रबंधक के रूप में नगर पालिका एटा की चेयरपर्शन सुधा गुप्ता है।लेकिन बिना अनुमति के डॉ नीतू यादव की जोइनिंग कैसे सम्भव हो सकी. ज़ब कि इस जोइनिंग से पूर्व मीरा गाँधी के हस्ताक्षर सहित कई पत्र देखने को मिले है लेकिन सुधा गुप्ता के हस्ताक्षर एक भी पत्र नहीं मिल रहा है। सारे के सारे फर्जी हस्ताक्षर से भरी फाइले मौजूद है। जो कि DIOS द्वारा लिखित दिया गया है कि सभी दस्तावेज कूट रचित हस्ताक्षर है।दफ़्तर में कोई भी कागज डॉ नीतू यादव के स्थानांतरण से संबंधित नहीं है।
*इंटर कॉलेज का भविष्य खतरे में!*
हाथरस से लेकर एटा तक के आने और जाने के सभी कागजातों पर नजर शतरंज की बिसातों की तरह बिछाई जाती है तो डॉ.नीतू यादव की जोइनिंग बेहद गंभीर परिणाम की तरफ इशारा करती है।निश्चित रूप से इस पुरे खेल में DIOS एटा भी शामिल है क्योंकि इस स्थानांतरण की फाइल को तलाश किया गया तो DIOS इस स्थानांतरण की कोई फाइल दफ़्तर में नहीं होना जताते है।
*जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह के पाले में गेंद!*
डॉ नीतू यादव की जोइनिंग की शिकायत शासन स्तर तक भेजी गई है वही हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना कैसे हो रही है यह जिला प्रशासन के लिए एक धब्बा साबित हो सकती है।
*आज डॉ नीतू यादव का वेतन देने का समय है अगर जनपद एटा महारानी लक्ष्मी इंटर कॉलेज से डॉ नीतू यादव को वेतन मिलता है तब यह कहना गलत नहीं होगा कि बच्चो की शिक्षा और जिलें को भ्रष्टाचार मुक्त की बात करने वाले जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह के लिए ऊँगली उठना लाजमी होगा।*
इस पुरे प्रकरण की गंभीरता के साथ जाँच होनी चाहिए क्योंकि कोई भी फर्जी कोर्ट लगा कर जज बन जायेगा!तब प्रशासनिक परीक्षाओ का दामन कौन पकड़ेगा.