
#Lucknow….
नगरीय निकायों व ग्रामीण पंचायतों में कई सुधार होंगे लागू
◾पंचम वित्त आयोग पर सरकार की मुहर से रास्ता साफ
◾हाटपैठ-बाजार पर शुल्क लगाएंगी ग्राम पंचायतें
◾पंचायत क्षेत्र में विजुअल प्रचार पर लगेगा टैक्स
◾प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में दृश्य प्रचार माध्यमों पर शुल्क लगाएगी
◾करारोपण अधिकार में अभी छूट नहीं, ऑनलाइन जमा कराने होंगे कर
पंचम राज्य वित्त आयोग की कई महत्वपूर्ण संस्तुतियों को स्वीकार किए जाने से त्रिस्तरीय नगरीय निकायों व ग्रामीण पंचायतों में कई सुधारों को लागू करने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने नगर विकास व पंचायतीराज विभाग को सुधारों को लागू करने की कार्यवाही का निर्देश दे दिया है।
केंद्र सरकार ने भू-गृह के गैर आवासीय प्रयोग की अनुमति देने के लिए मॉडल म्युनिसिपल लॉ के अंतर्गत 337 मद चिह्नित किए हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए 115 मदें चिह्नित की हैं लेकिन आगे चलकर इसे मात्र 39 मदों में सीमित कर दिया। आयोग ने इस सूची को संशोधित कर अनुमति के मदों का दायरा बढ़ाने की सिफारिश की। इसी तरह ग्रामीण पंचायतों में विभव व संपत्ति कर की दरों को समग्र उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर पुनरीक्षित करने की संस्तुति की है।
इसी आधार पर क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत अधिनियम की धारा, 121 (ख) में संशोधन कर, कर योग्य आय सीमा के लिए तय राशि 12,000 रुपये वार्षिक को बढ़ाने को कहा है। इससे छोटे व्यवसायियों को कर से राहत मिलेगी। सरकार ने इन दोनों ही संस्तुतियों को स्वीकार कर लिया है। इससे ग्रामीण व स्थानीय निकायों की आय बढ़ सकेगी।
ग्रामीण क्षेत्र के दुकानदारों की मुश्किल होगी आसान
ग्रामीण क्षेत्र में लगने वाले बाजारों व दुकानों को नियमित करने के लिए राज्य सरकार स्पष्ट निर्देश जारी करेगी। इससे इन व्यवसायियों को अपना कार्य वैधानिक तरीके से करने में आसानी होगी तथा लाइसेंस शुल्क जमा करने में मुश्किलों से राहत मिलेगी।