किसान नौजवान पहलवान अग्निवीर अड़ानी कास्ट सेंसस सब मुद्दे धराशाई हो लिये,क्यूँ हुए कैसे हुए!!

#जिओ_पॉलिटिक्स

१. हरियाणा का रिजल्ट शायद यह एक्सप्लेन करने के लिए काफ़ी है कि हमारे यहाँ सरकारों राज्य केंद्र पीएम सीएम का चयन सात समंदर पार बैठे गुरुकुल और वहाँ के आचार्य लोग करते है!!

यही क्लेम मैंने मेरी उक्त किताब में किया था।

२. बहुत से साथी मेरी थ्योरी को मनोहर कहानी कह कर बेशक ख़ारिज कर दे लेकिन सत्य यही है कि जनता का काम सिर्फ़ बूथ तक जाने का होता है वो वहाँ जा कर वोट किसको करेंगे!!
जनता के माइंड को प्रोग्रामिंग करना ही असल खेल है। और यह खेल साइकोलॉजिकल वारफेयर कहलाता है।

३. किसान नौजवान पहलवान अग्निवीर अड़ानी कास्ट सेंसस सब मुद्दे धराशाई हो लिये,
क्यूँ हुए कैसे हुए!!

४. कुछ लोग ईवीएम और चुनाव आयोग को दोष देंगे, लेकिन इन्हें कब दोष देना है और कब क्लीन चिट देनी है यह भी एक माइंड प्रोग्रामिंग खेल ही होता है। कल तक कोई भी ईवीएम पर आरोप नहीं लगा रहा था लोकसभा में भी नहीं लगाया था।

५. हरियाणा में जाट ओबीसी में नहीं आते ये वहाँ सामान्य सवर्ण वर्ग में आते है, वहाँ यदि कोई यह कहे कि मैं कास्ट सेन्सस करूँगा पिछड़े दलित को आबादी के हिसाब से उन्हें उनका हक़ दूँगा तो भला सवर्ण जातियाँ क्यों वोट करेंगी?? यह ख़्याल माइंड में क्यों नहीं आया!!
यदि कास्ट सेन्सस का कार्ड खेलना ही था तो उन्हें दलित सीएम पहले से अनाउंस करना चाहिए था!!

६. जाट वर्सेज़ नॉन जाट में सभी नॉन जाट एक तरफ़ polarised हो गये जो कि स्वाभाविक है होना ही था। इस पोलराइज़ेशन को रोकने का कोई उपाय नहीं किया गया था।

७. हरेक असेंबली से मिनिमम पाँच से आठ लोगों ने टिकट का आवेदन किया था, टिकट मिली किसी एक को
लेकिन किसी ने उन शेष प्रत्याशियों की मान मनुहार करने का प्रयत्न किया कि भाई आप नाराज़ मत होना ये पकड़ो आपके पैसे जितने अभी तक खर्च हुए और जब सरकार आएगी तब आपका कुछ न कुछ भला करेंगे! फ़िलहाल आप चुनाव में हमारी मदद करो। यदि एक प्रत्याशी के पास आप मिनिमम पाँच सौ हज़ार वोट भी assume करो तो इन प्रत्याशियों की मान मनुहार न करके कांग्रेस ने अपना मिनिमम पाँच से दस हज़ार वोट ख़ुद अपने हाथ से ख़राब किया है। ये प्रत्याशी साइलेंट हो गये और चुनाव में अपना वोट कहीं और ट्रांसफ़र करा आये।

८. आइटिसेल और सोशल मीडिया पूरी तरह से अनपढ़ कुपढ़ और गालीबाज़ ट्रोल क़िस्म के लोगों के हाथ में है जहां उनके पास फैक्ट रिसर्च और ट्रेनिंग का कोई इंतज़ाम नहीं है।

९. भाजपा में मोदी शाह की जोड़ी का वर्चस्व बना रहेगा, हरियाणा में अप्रत्याशित जीत और कश्मीर में अपने अकेले के दम पर पच्चीस के क़रीब सीट जीत लेना एक बड़ा श्रेय है वो भी इस नेगेटिव दौर में जब इस जोड़ी को पार्टी के बाहर के साथ साथ अंदर से भी चुनौती मिलनी शुरू हो चुकी थी। अब असंतुष्ट ख़ेमा और आरएसएस के पास कोई वजह और हक़ भी नहीं है कि वो भाजपा अध्यक्ष के पद का नाम सजेस्ट करे, भाई संजय जोशी जी फिर से ठंडे बस्ते में चले गये है आज के नतीजों के साथ ही।

१०. जम्मू कश्मीर में सिर्फ़ एक ख़ुशख़बरी है कि वहाँ इंडिया अलायन्स की सरकार बन जाएगी लेकिन उस सरकार में कांग्रेस का हिस्सा क्या है सिर्फ़ छह सीट, एक्चुअल सेहरा तो नेशनल कांफ्रेंस के सर पर सजाया हुआ है। यानि कांग्रेस यहाँ पूर्णता क्षेत्रीय दल पर निर्भर है। बीजेपी यहाँ भी अपने दम पर पच्चीस सीट के साथ कांग्रेस से चार गुणी ज़्यादा ताक़त पर है।

Note—
फ़्रांस वाले क्रिस्टोफ़र जैफ़रलोट के कास्ट सेन्सस वाले नायाब आईडिया को राहुल जी पकड़ कर नाच रहे थे उम्मीद है आज हरियाणा ने उन्हें यह सबक़ दे दिया है कि जातिगत विभाजनकारी राजनीति वो बंद करे और स्वर्गीय इंदिराजी राजीव जी के टाइम की कांग्रेस जो कहती थी ज़ात पर न पात पर मोहर लगेगी हाथ पर इसी कैंपेन के साथ महाराष्ट्र झारखंड में आगे आए -उन्हें अपने पूर्वजों का आशीर्वाद भी मिलेगा और देश की जनता का प्रेम सहयोग भी मिलेगा। और अंतर्राष्ट्रीय गुरुकुल में दुबारा से एंट्रेंस एग्जाम दे अपने ट्यूशन मास्टर सॉरी आचार्य बदल डालिये।

नोट – कांग्रेस का जातिगत जनगणना और समाज न्याय का मुद्दा बिना क्षेत्रीय पार्टियों को साथ लिए उठाना घातक सिद्ध हो रहा है। अब कांग्रेस को चाहिए की हर रैली में अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव और एमके स्टालिन आदि जैसे नेताओं को तरजीह देना शुरू कर देना चाहिए।

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks