यमुना एक्सप्रेस-वे का सफर करना हुआ महंगा

यमुना एक्सप्रेस-वे का सफर करना हुआ महंगा,1 अक्टूबर से बढ़ जाएंगे टोल टैक्स,बाइक-कार-बस वालों को जानें कितने देने होंगे रुपये*

ग्रेटर नोएडा यमुना एक्सप्रेस-वे पर सफर करने वालों को अब अपनी जेब और ढीली करनी पड़ेगी।

एक अक्टूबर से यमुना एक्सप्रेस-वे पर टोल महंगा हो जाएगा।यमुना प्राधिकरण के बोर्ड मीटिंग में टोल बढ़ाने की मंजूरी मिल गई है।

यमुना प्राधिकरण ने टोल की दरें चार प्रतिशत बढ़ा दी हैं।टोल की नई दरें एक अक्टूबर से लागू होंगी।

इससे पहले प्राधिकरण ने साल 2022 के मार्च में 12 प्रतिशत टोल की दरों मे इजाफा किया था।

*जानें कितनी होंगी टोल की नई दरें*

जानकारी के अनुसार ग्रेटर नोएडा से आगरा तक कार चालकों को अब 295 रुपये टोल देना होगा।

इससे कार चालकों को 270 रुपये देना होता था। अब बस चालकों को 935 रुपये टोल देना होगा  इससे पहले बसों के लिए टोल 895 रुपये निर्धारित था।

वहीं ओवर साइज़ वाहनों के लिए टोल अब 1760 से बढ़ाकर 1835 रुपये कर दिया गया है।

*यमुना प्राधिकरण का दावा यात्रियों पर नहीं पड़ेगा असर*

टोल बढ़ोतरी से उन यात्रियों को जेब ढीली करनी पड़ेगी जो कार-बाइक या बस से रोजाना यमुना एक्सप्रेस-वे पर सफर करते हैं।

हालांकि यमुना प्राधिकरण का दावा है कि टोल वृद्धि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए जेपी इंफ्राटेक द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों पर आधारित है, जिसे अब 2024-25 में लागू किया जाएगा। प्राधिकरण ने दावा किया है कि इसस इससे यात्रियों पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा।

गुरुवार को हुई 82वीं बोर्ड बैठक में टोल बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।

*2012 से 2024 तक की कहानी जानिए*

165 किलोमीटर लंबा यमुना एक्सप्रेस-वे ग्रेटर नोएडा से आगरा को जोड़ता है।

साल 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार में यह एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार हुआ था।

तब तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसके डेवलपर (जेपी इंफ्राटेक) को कहा था कि वह नोएडा से ग्रेटर नोएडा लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए कोई चार्ज नहीं वसूलेंगे जिसके लिए जेपी ग्रुप राजी हो गया।

इस एक्सप्रेस-वे को विकसित करने के साथ-साथ जेपी ग्रुप को इसके आस-पास 5 स्थानों पर 500 हेक्टेयर जमीन पर इंटीग्रेडेट टाउनशिप बनाने को कहा गया था, जिससे एक्सप्रेस-वे के आस-पास लोग रह सकें।

साल 2012 से 2015 तक इसके टोल टैक्स में सालाना वृद्धि की मंजूरी राज्य सरकार देती थी,लेकिन साल 2015 में सरकार ने इसके लिए येडा को निर्देशित कर दिया।

येडा के मुताबिक गुरुवार को हुई बोर्ड मीटिंग में एक्सप्रेस-वे का टोल-टैक्स बढ़ाने की मंजूरी इसलिए दी गई है जिससे ऑपरेटर रोजाना एक करोड़ रुपए इससे जुटा सकें।

बता दें कि प्रतिदिन लगभग 35,000 वाहन यमुना एक्सप्रेस-वे से गुजरते हैं। सप्ताहांत पर यह संख्या लगभग 50,000 तक बढ़ जाती है।

टोल की दरें बढ़ने से बसों का किराया भी बढ़ने की आशंका है। वहीं कार-बाइक से सफर करने वालों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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