सरस्वती यंत्र की पूजा और सिद्धि की विधि:

सरस्वती यंत्र की पूजा और सिद्धि की विधि:

  1. यंत्र का शुद्धिकरण:
    सबसे पहले, सरस्वती यंत्र को अलग पात्र में रखकर कच्चे दूध से धोएं। यह शुद्धिकरण की प्रक्रिया है, जिससे यंत्र पर किसी भी प्रकार की अशुद्धि समाप्त हो जाती है। इसके बाद यंत्र को स्वच्छ जल से धोएं। यंत्र को हल्के कपड़े से पोंछकर थाली में रखें।
  2. सरस्वती यंत्र पर अंकन और तिलक करें:
    थाली में यंत्र को स्वच्छ रूप से स्थापित करने के बाद, अष्टगंध से यंत्र पर तिलक करें। इसके साथ पुष्प चढ़ाएं और भक्ति पूर्वक पूजा के लिए यंत्र को तैयार करें।
  3. दीपक और अगरबत्ती जलाएं:
    यंत्र के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाएं। ध्यान रखें कि यदि आप एक से अधिक बच्चों के लिए पूजा कर रहे हैं, तो सभी यंत्रों के लिए एक ही दीपक जलाना पर्याप्त है। दीपक और अगरबत्ती की सुगंध वातावरण को पवित्र और ध्यान योग्य बनाती है।
  4. प्रसाद अर्पण करें:
    सरस्वती देवी की पूजा में दूध से बना प्रसाद अर्पित करें। यह प्रसाद सरस्वती देवी के प्रति समर्पण और भक्ति का प्रतीक होता है।
  5. सरस्वती मंत्र जप करें:
    इसके बाद, सरस्वती मंत्र की एक माला का जाप घर का मुखिया या सभी बालक-बालिकाएं करें। यह मंत्र पूजा की प्रक्रिया का अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है और यंत्र को जागृत करने में सहायक होता है। प्रत्येक बालक या बालिका एक माला (108 बार) मंत्र का जाप करें। सरस्वती मंत्र:
    “ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः”
  6. पूजा का समापन:
    मंत्र जप के बाद, देवी सरस्वती से ज्ञान, बुद्धि और स्मरण शक्ति में वृद्धि की प्रार्थना करें। यंत्र को पूरे सम्मान के साथ पूजा स्थान पर रखें और नियमित रूप से सरस्वती वंदना करने का संकल्प लें।

इस विधि से सरस्वती यंत्र की पूजा करने पर बालक-बालिकाओं में ज्ञान, विद्या और स्मरण शक्ति में निश्चित रूप से उन्नति होती है।

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks