मण्डलायुक्त ने पंचम राज्य वित्त आयोग की धनराशि का शासनादेशानुसार व्यय करने के दिये निर्देश

ग्रामीण निकायों को अंतरित की जाने वाली धनराशि में से जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं ग्राम पंचायत को क्रमशः 15:15:70 के
अनुपात में बांटा जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों को उपलब्ध कराई जाने वाली धनराशि का बटवारा 90 प्रतिशत कुल जनसंख्या के आधार एवं 10 प्रतिशत अनुसूचित जाति,जनजाति की जनसंख्या के आधार पर किया जाएगा।*
मण्डलायुक्त जी.एस. प्रियदर्शी की अध्यक्षता में पंचम राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों के अन्तर्गत संक्रमित धनराशि के अंश वितरण एवं उसके उपयोग के सम्बन्ध में कार्यालय कक्ष में मण्डलीय बैठक का आयोजन किया गया। मण्डलायुक्त ने बताया कि शासनादेशानुसार पंचम राज्य वित्त आयोग के अन्तर्गत पंचायतीराज संस्थाओं के लिए अवमुक्त धनराशि का जनपदवार विभाजन 90 प्रतिशत जनसंख्या एवं 10 प्रतिशत क्षेत्रफल के आधार पर किया जाएगा, जिसमें से ग्रामीण निकायों को अंतरित की जाने वाली धनराशि में से जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं ग्राम पंचायत को क्रमशः 15ः15ः70 के अनुपात में बांटा जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों को उपलब्ध कराई जाने वाली धनराशि का बटवारा 90 प्रतिशत कुल जनसंख्या के आधार एवं 10 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति की जनसंख्या के आधार पर किया जाएगा।
कमिश्नर श्री प्रियदर्शी ने संक्रमित धनराशि के ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों में व्यय किये जाने के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी करते हुए बताया कि इस धनराशि से शासकीय भवनों का रख-रखाव, स्ट्रीट लाइट, खुले में शौच से मुक्ति, शासकीय भवनों एवं सार्वजनिक स्थलों के विद्युत देयकों का भुगतान, पंचायत की सड़कों का एवं पेयजल योजनाओं निर्माण एवं रख-रखाव, ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबन्धन, सामुदायिक शौचालय एवं जन सुविधाएं, अन्त्येष्टि स्थल की बाउन्ड्रीवाल के साथ ही स्कूलों में अवस्थापना सुविधाओं के उच्चीकरण एवं विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि उक्त कार्यों के साथ ही ग्राम पंचायतें पंचायतीराज अधिनियम में उल्लिखित कार्यों को भी आवश्यकतानुसार कराएं एवं क्षेत्र पंचायतों द्वारा कराए जाने वाले कार्यों का अनुमोदन उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत निर्माण कार्य नियमावली के प्रावधानों के तहत कराएं।
मण्डलायुक्त ने बताया कि जिला पंचायतें पंचम राज्य वित्त आयोग की धनराशि को अपने कर्मचारियों के वेतन एवं पेंशन आदि पर भी व्यय कर सकती हैं। केन्द्रीय सक्राम्य संवर्ग के सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के पेंशन वकाया के लिए अन्तरित धनराशि का एक प्रतिशत परिक्रामी निधि में दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला पंचायतें न्यूनतम 5 प्रतिशत धनराशि अपनी सम्पत्तियों के रख-रखाव एवं सृजन पर व्यय करेंगी। पंचायतें अपने स्वामित्त वाले गौ आश्रय स्थलों के विकास व संचालन के लिए आवश्यक धनराशि का व्यय राज्य वित्त आयोग से कर सकेंगी। कमिश्नर ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि पंचम राज्य वित्त आयोग के अन्तर्गत ग्रामीण निकायों जैसे जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं ग्राम पंचायत को प्राप्त होने वाली धनराशि का प्राथमिकता पर शासन द्वारा निर्धारित कार्यों में पीएफएमएस के माध्यम से नियमानुसार व्यय किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
उप निदेशक पंचायतीराज एस.के.सिंह ने बताया कि राज्य वित्त आयोग की धनराशि का उपभोग ग्राम पंचायतें, क्षेत्र पंचायतें एवं जिला पंचायतें पीएफएमएस के माध्यम से ही कर सकेंगी, जिसके लिए मेकर और चेकर व एप्रूवर नामित कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों के लिए सचिव मेकर, ग्राम प्रधान चेकर एवं सहायक विकास अधिकारी पंचायत एप्रूवर, क्षेत्र पंचायत के लिए खण्ड विकास अधिकारी मेकर, क्षेत्र पंचायत प्रमुख चेकर इसी प्रकार जिला पंचायत के लिए अपर मुख्य अधिकारी मेकर, अध्यक्ष जिला पंचायत चेकर एवं निदेशक पंचायतीराज को अप्रूवर नामित किया गया है।