आधुनिक रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को वर्ल्ड क्लास सुविधाओं के लिए ज्यादा पैसे नहीं देने होंगे. बल्कि सभी रेट बाजार आधारित होंगे. यानी रेलवे अब आधुनिक रेलवे स्टेशनों पर वर्ल्ड क्लास जनसुविधाओं के लिए यात्रियों से एयरपोर्ट की तरह ज्यादा चार्ज नहीं वसूलेगा.

केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार अब रेलवे स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस करने की योजना बना रही है. इसके लिए स्टेशनों को प्राइवेट कंपनियों को सौंपने की तैयारी है. इन स्टेशनों पर यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी और उसके लिए उन्हें ज्यादा पैसे भी नहीं देने होंगे. इंडियन रेलवे (Indian Railways) आधुनिक रेलवे स्टेशनों पर वर्ल्ड क्लास जनसुविधाओं के लिए यात्रियों से एयरपोर्ट की तरह ज्यादा चार्ज नहीं वसूलेगा. बल्कि ये चार्ज (Railway Passenger User Charges) बाजार आधारित होंगे. इस बात की जानकारी भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम लिमिटेड (IRSDC) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है.
अधिकारी के मुताबिक आधुनिक रेलवे स्टेशनों पर वर्ल्ड क्लास सुविधाओं के चार्ज बाजार आधारित होंगे. हालांकि, फरवरी 2020 में रेलवे ने कहा था कि इन स्टेशनों को नया रूप देने वाली कंपनियां स्टेशनों के लिए यात्रियों से हवाई अड्डे की तरह चार्ज वसूलेंगी, जो ट्रेन के टिकट में शामिल होगा. रेलवे ने कहा था कि ये चार्ज स्टेशनों पर आने वाले यात्रियों की संख्या पर निर्भर करेगा. लेकिन अब IRSDC के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं CEO एस के लोहिया ने यह साफ कर दिया कि खर्च ऊपर जा सकते हैं और कम भी हो सकते हैं. इसलिए चार्ज को फिक्स नहीं किया जा सकता.
उन्होंने कहा कि अगर किसी कंपनी को 60 साल के लिए कोई स्टेशन दे रहे हैं, तो शुल्क बाजार की वास्तविकताओं के अनुरूप होने चाहिए. कल अगर महंगाई कम होती है तो शुल्क नीचे भी आ सकते हैं. उन्होंने कहा, यूजर्स चार्ज पर सहमति बनी है और मंत्रालय द्वारा इसे अधिसूचित करने की प्रक्रिया जारी है.
यात्रियों को क्या होगा फायदा?
यूजर्स चार्ज को बाजार के आधार पर करने से आधुनिक रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को अलग से कोई चार्ज नहीं देना होगा और न ही इसे यात्री टिकट किराए में जोड़ा जाएगा. इससे यात्रियों की जेब पर असर नहीं पड़ेगा और उन्हें विश्व स्तरीय स्टेशनों की सुविधा का लाभ भी मिलेगा.
लोहिया ने कहा कि यूजर्स चार्ज रिवेन्यू के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं. चाहे वह एयरपोर्ट हों या फिर हाईवे हों यूजर्स चार्ज एक बहुत बड़ा घटक होता है. वास्तव में, परियोजना में लगने वाले पैसे का 99 प्रतिशत हिस्सा इसी से निकलता है. उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट की तुलना में रेलवे में यूजर चार्ज कम होगा.
बता दें कि सरकार IRSDC के माध्यम से 50 स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस बनाने के लिए बोली लगाने के लिए तैयार है. जिससे 2020-21 में लगभग 50,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. IRSDC पहले ही दो रेलवे स्टेशनों मध्य प्रदेश में हबीबगंज और गुजरात के गांधीनगर को सार्वजनिक-निजी भागीदारी योजनाओं के तहत विकसित करने के लिए प्राइवेट कंपनी को सौंप चुका है. यह कार्य दिसंबर 2020 तक पूरा करने की योजना है.
गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर 94.05 प्रतिशत सिविल कार्य पूरा हो चुका है जबकि हबीबगंज में परियोजना अब तक 90 प्रतिशत पूरी हो चुकी है. बता दें कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही 400 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास करने की घोषणा की थी.