कई बार क़ानूनी कार्यवाही होने के बाद भी खून माफिया खून का व्यापार करने से नही आ रहा बाज।
एटा –एटा शहर के प्रमुख बाजार बांस मंडी में कल यानी गुरुवार बीती रात को जमकर हंगामा की स्थिति बनी रही। बजह थी, श्याम नगर निवासी एक मंदबुद्धि व्यक्ति के शरीर से एक यूनिट ब्लड एक पैथोलॉजी पर निकाले जाने से। यह व्यक्ति जब अपने घर श्याम नगर पहुंचा तो उसका शर्ट खून से सना हुआ, होने के कारण उससे पूछताछ की। पिता हरिशंकर के पूछने पर उसने उन्हें जानकारी दी, कि वह शहर के बांस मंडी स्थित रघुवीर जैन पैथोलॉजी पर गया था, जहां उसका खून निकाल लिया गया। जब उससे पूछताछ की गई तो उसने स्वयं बताया कि वह एक ठेल पर समोसे खा रहा था तभी रघुवीर जैन के यहां से एक व्यक्ति जिसका नाम दिनेश था, वह उसे अपने साथ पैथोलॉजी ले गया। जहां ब्लड निकलने के बाद उसको ₹300 दिए गए। जब वह घर पहुंचा तो उसे चक्कर आ रहे थे, संभल कर खड़ा हुआ नहीं जा रहा था। मामले की जानकारी विकलांग पिता हरिशंकर ने कोतवाली शहर पुलिस को दी, आनंन् फानन में शहर पुलिस संबंधित पैथोलॉजी पर पहुंच गई। मामला पुलिस में जाने के दौरान पिता पुत्र और पैथोलॉजी के अन्य स्टाफ सहित सभी लोग फरार हो गए। स्थानीय पुलिस ने पूरे मामले की तहकीकात की है। बताया जाता है कि वर्ष 2005 में जिलाधिकारी रहे आरती शुक्ला के समय में इस पैथोलॉजी को न सिर्फ खून माफिया के तौर पर सीज किया गया था, बल्कि रघुवीर जैन और उसके दो पुत्रों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत नामित करते हुए जिला कारागार में निरुद्ध भी किया गया। यही नहीं वर्ष 2017 में जनपद में जिलाधिकारी रहे विजय किरन आनंद के समय में 23 बोतल खून के साथ इन पिता पुत्रों पर कार्यवाही की गई और उन्हें जेल जाना पड़ा। किंतु इतना सब होने के बाद भी उनका यह धंधा अभी भी निरंतर बना हुआ है। ना प्रशासन का खौफ है ना कानून का कोई डर विकलांग पिता हरिशंकर ने अपने पुत्र जो मंदबुद्धि है उसके शरीर से निकले गए खून को गंभीरता से लेते हुए कोतवाली नगर पुलिस ने पीड़ित से रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा है