
श्री राम के जन्मोत्सव पर करें ये पाठ, पूरे होंगे सब काम
अगस्त्य संहिता के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि दोपहर को पुनर्वसु नक्षत्र में जब चंद्रिका, चंद्र और बृहस्पति तीनों समन्वित थे, सूर्य मेष राशि में और कर्क लग्न में भगवान का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ के घर हुआ।
भगवान श्री राम के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में शोभायात्राएं निकाली जाती हैं ताकि लोग भगवान के आदर्शों को याद करके उनका अनुसरण करें। मंदिरों में दोपहर के समय श्रीराम चरित मानस का भोग डाल कर :
‘भये प्रगट कृपाला दीनदयाला कौशल्या हितकारी। हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी।।लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी।भूषण बनमाला नयन बिसाला सोभासिंधु खरारी।।
भजते हुए खुशी से सभी को श्री राम नवमी उत्सव की बधाइयां देते हैं।
कार्य सिद्धि के लिए करें यह पाठ
संतों-महात्माओं और विद्वानों के अनुसार श्रीराम चरित मानस एक सम्पूर्ण ग्रंथ है जिसमें लिखित एक-एक दोहे और चौपाई में संसारिक प्राणियों की सभी समस्याओं का समाधान है। यदि कोई मनुष्य सच्चे मन, विश्वास और श्रद्धाभाव से श्री रामायण की चौपाइयों का पाठ करेगा तो उसे कार्य में सफलता मिलेगी।
‘सुफल मनोरथ होहुं तुम्हारे।रामु रखनु सुनि भए सुखारे।।’
बालकांड की इस चौपाई से रुके हुए कार्यों में सफलता मिलेगी।
‘सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजहीं मन कामना तुम्हारी।।’
यह चौपाई बालकांड में श्री सीता जी के गौरी पूजन प्रसंग की है जिसमें मां गौरी ने सीता जी को उनकी मनोकामना पूर्ण होने का आशीष दिया था।
‘प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयं राखि कोसलपुर राजा।।’
सुंदरकांड की इस चौपाई में हनुमान जी जब लंका में प्रवेश करते हैं तो उन्होंने प्रभु श्री राम का ध्यान करके इसका पाठ किया था। इस चौपाई के पाठ से कार्य में सफलता प्राप्त होगी।
‘मुद मंगलमय संत समाजू।जो जग जंगम तीरथराजू।।’
बालकांड की यह चौपाई कार्य सिद्धि के लिए शुभ है।
परीक्षा में सफलता के लिए
जेहि पर कृपा करहिं जनुजानी।कवि उर अजिर नचावहिं बानी।।मोरि सुधारहिं सो सब भांती।जासु कृपा नहिं कृपा अघाती।।
लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए
जिमि सरिता सागर मंहु जाही। जद्यपि ताहि कामना नाहीं।।तिमि सुख संपत्ति बिनहि बोलाएं।धर्मशील पहिं जहि सुभाएं।।
आपका हर पल मंगलमय हो।