मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग।
डॉ. रघुनंदन ने राष्ट्रपति से की मुलाकात।
राष्ट्रपति भवन में दिया मांग पत्र।
1956 में मिल चुका है पद्म भूषण।

एटा 21 मार्च। जय सुधारो के क्षेत्र में पिछले 18 वर्षों से सफलतापूर्वक कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. प्रदीप रघुनंदन ने मेजर ध्यानचंद के हॉकी के अंतरराष्ट्रीय योगदान को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें भारत रत्न दिए जाने की मांग करते हुए नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें एक मांग पत्र सोपा। मांग पत्र में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. प्रदीप रघुनंदन ने मांग की भारत सरकार ने मेजर ध्यानचंद के अंतरराष्ट्रीय योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 1956 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। वर्ष 1926 1928 और 1936 में लगातार भारत को अंतरराष्ट्रीय हॉकी में तीन स्वर्ण पदक दिलाने में सर्वाधिक महत्वपूर्ण योगदान करने वाले अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न अब तक न दिया जाना उनके व्यक्तित्व और उनके खेल योगदान के प्रति अन्याय है।
भारत की राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू को मांग पत्र सौंपते हुए डॉ.प्रदीप रघुनंदन ने कहा ध्यानचंद देश और विदेश में हॉकी के क्षेत्र में अपने नायाब खेल से जीते जी एक मिसल बन गए थे,यही कारण है कि हॉकी में उनके उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए जर्मनी के तब राष्ट्रपति एडोल्फ हिटलर ने उन्हें यह प्रस्ताव दिया कि वह भारत छोड़कर जर्मनी की ओर से खेलें,जिसको बहुत ही विनम्रता पूर्वक राष्ट्रभक्ति मेजर ध्यानचंद ने इनकार कर दिया था।
डॉ रघुनंदन ने कहा कि मेजर ध्यानचंद ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी में अब तक का 567 गोल किए हैं जो किसी भी हॉकी खिलाड़ी के द्वारा अपने समय में किए गए सर्वाधिक गोल है। उनके बारे में कहा जाता था कि वह अपनी हॉकी स्टिक से इस तरह गोल करते हैं जैसे मानो कोई क्रिकेट का बैट्समैन रन बना रहा हो।
मेजर ध्यानचंद के बेटे अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी और 1975 में भारत के लिए विश्व हॉकी में स्वर्ण पदक जीतने वाले अशोक ध्यानचंद ने कहा कि वर्ष 2014 में भारत सरकार की ओर से मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिए जाने का प्रस्ताव पार्लियामेंट के द्वारा पास किया गया था लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज तक बाबूजी को भारत रत्न नहीं दिया गया है। उन्होंने राष्ट्रपति महोदिया से मांग की के बाबू जी मेजर ध्यानचंदके अंतरराष्ट्रीय हॉकी योगदान को देखते हुए उन्हें भारत रत्न दिए जाने के संबंध में वह अपने स्तर से भारत सरकार को निर्देशित करने का कष्ट करें।
प्रतिनिधि मंडल में रामसनेही लाल नगर, हेमंत सिंह, आर. बी.मिश्रा, महेश दुबे सहित आधार जनरल लोग उपस्थित थे।