जनपद एटा का विकासखंड जैथरा हमेशा अपने यहां होने वाले कारनामों के लिए चर्चित रहता है ।
कभी यहां मृतक राशन डीलर भी राशन बांट देती हैं तो कभी एन. बी. डब्लयू. वारंटी लगातार शान से अपने घर पर रहता है लेकिन मजाल है कि पुलिस उसके घर पर जाकर उसे पकड़कर लाए ।
यह मामला है
ताजा मामला विकासखंड जैथरा की ग्राम पंचायत मसूलिया का है , जहां ग्राम प्रधान चंद्रकांता हैं , ग्राम प्रधान पर भ्रष्टाचार के आरोपों/शिकायतों के चलते जिला पंचायत राज अधिकारी के द्वारा ग्राम प्रधान के खातों के संचालक पर रोक लगा दी एवं ग्राम पंचायत में विकास बाधित न हो इसके लिए एक समिति का गठन कर दिया गया , जिसकी अध्यक्ष ग्राम पंचायत मसूलिया की माधुरी पत्नी टिंकू कुमार हैं ।
यहां तक तो सब कुछ ठीक था लेकिन इसके बाद जो हुआ उसे सुनकर आपको विश्वास नहीं होगा । भ्रष्टाचारों के आरोपी के चलते विकास के लिए जिस समिति का गठन किया गया था उसे समिति के गठन के बाद एक नया चमत्कार हो गया , ग्राम प्रधान चंद्रकांता ने जिलाधिकारी एटा को दिए गए शिकायत पत्र में बताया कि पड़ोस की ग्राम पंचायत विछंद पहाड़पुर के 7 विकास कार्यों की फीडिंग ग्राम पंचायत मसूलिया के विकास कार्यों में हो गई ।
अब सवाल यह उठता है कि
बिना कोई एजेंडा जारी किए और बिना कोई बैठक के ये सब कैसे हो गया ?
कौन है इस भ्रष्टाचार के खेल पीछे ?
जब इस संबंध में हमने गठित समिति की अध्यक्ष माधुरी से बात करना चाहा तो फोन पर उनके पति टिंकू कुमार से बात हुई , टिंकू कुमार ने स्वयं को माधुरी का प्रतिनिधि बताया , जब हमने उनसे पूछा कि ग्राम पंचायत बिछंद पहाड़पुर के 7 विकास कार्यों को ग्राम पंचायत मसूलिया के विकास कार्यों में कैसे फीड हो गए ? , तो टिंकू कुमार इसका कोई उत्तर नहीं दे पाए ।
इस संबंध में जब पंचायत सचिव मनोज कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी वह कुछ समय पूर्व ही दूसरे विकासखंड से स्थानांतरित होकर आए हैं और ग्राम पंचायत मसूलिया पर सचिव नियुक्त हुए , उन्हें इस प्रकरण की जानकारी नहीं है ।
इसके बाद
जब खंड विकास अधिकारी जैथरा से बात की , तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस प्रकरण की जानकारी नहीं है लेकिन जब हमने पूछा कि क्या किसी ग्राम पंचायत में दूसरी ग्राम पंचायत के विकास कार्यों को फीड कराया जा सकता है ? , तो उन्होंने बताया तो उन्होंने बताया कि किसी भी ग्राम पंचायत में दूसरी ग्राम पंचायत के विकास कार्यों को फीड नहीं कराया जा सकता , यह गलत है ।
सूत्रों की मानें तो , इस सारे खेल के पीछे जैथरा
विकास खंड जैथरा में तैनात एक अधिकारी बताए जा रहे हैं , जो सहयोग देकर इस खेल को करवा रहे हैं ।
अब चाहे इस खेल के पीछे चाहे जो हो लेकिन भ्रष्टाचार को रोकने के लिए जिस दीवार को लगाया गया , वह भी अब भ्रष्टाचार के दलदल में खिसकती जा रही है ।
पवन चतुर्वेदी
मंडल ब्यूरो चीफ